हम ग़ाज़ा में फंसे अमेरिकी बंधकों को नहीं छोड़ेगे: वॉशिंगटन

हम ग़ाज़ा में फंसे अमेरिकी बंधकों को नहीं छोड़ेगे: वॉशिंगटन

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार रात एक महत्वपूर्ण बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि, ग़ाज़ा पट्टी में फंसे अमेरिकी बंधकों को छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। इस बयान में मंत्रालय ने ग़ाज़ा युद्ध के मानवीय संकट और इज़रायल की भूमिका पर खुलकर अपनी राय रखी।

मंत्रालय ने कहा, “ग़ाज़ा युद्ध में मानवीय हानि की स्थिति बेहद गंभीर और विनाशकारी है। हम इज़रायल से आग्रह करते हैं कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव उपाय करे और मानवीय संकट को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।”

मानवीय संकट और कूटनीतिक प्रयासों की जरूरत
क़तर स्थित समाचार चैनल अल-जज़ीरा ने अमेरिकी बयान का हवाला देते हुए रिपोर्ट की है कि, गाज़ा में बढ़ती मानवीय हानि ने अमेरिकी सरकार को इस युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों पर जोर देने के लिए मजबूर कर दिया है। बयान में कहा गया, “हम युद्ध के तत्काल अंत के लिए हरसंभव कूटनीतिक रास्ता तलाश रहे हैं।”

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा स्थापित करना आवश्यक है। बयान में कहा गया, “हम ऐसी स्थायी सुरक्षा स्थिति देखना चाहते हैं जो इज़रायल और फिलिस्तीन दोनों के लोगों के लिए सुरक्षित और शांतिपूर्ण हो।”

इज़रायल पर दबाव, लेकिन विरोधाभासी नीति
अमेरिका ने यह भी कहा कि, हम इज़रायल पर दबाव बनाए रखेंगे ताकि नागरिकों को नुकसान कम से कम हो। “हम इज़रायल से लगातार आग्रह करते रहेंगे कि वह सभी एहतियाती कदम उठाए ताकि हताहतों की संख्या कम की जा सके।” हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में बार-बार युद्ध-विराम प्रस्तावों पर रोक लगाई है।

अमेरिकी बयान में यह भी दावा किया गया कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ग़ाज़ा युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमति बनाने के प्रयास जारी रखेगा। “हम युद्ध को खत्म करने के लिए सुरक्षा परिषद में सहमति बनाने के रास्ते खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय संकट अपने चरम पर है, जहां हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं, और युद्ध-विराम की अंतरराष्ट्रीय मांगें बढ़ रही हैं। इज़रायल की सैन्य कार्रवाई और अमेरिकी समर्थन पर सवाल उठ रहे हैं, जबकि बंधकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता को लेकर दबाव लगातार बढ़ रहा है।

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