फ्रांस के साथ सैन्य समझौता करेगा संयुक्त अरब अमीरात संयुक्त अरब अमीरात के रक्षा मंत्रालय ने कल शुक्रवार को घोषणा की कि उसने यमनी सेना के हमलों का मुकाबला करने के लिए फ्रांस के साथ एक संयुक्त सहयोग और रक्षा समझौते को लागू करना शुरू कर दिया है।
संयुक्त अरब अमीरात के रक्षा मंत्रालय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि संयुक्त अभियान कमांडर ब्रिगेडियर जनरल सालेह अल-अमीरी ने शुक्रवार को पेरिस में ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ का दौरा किया। अल-अमीरी ने सैन्य समझौते के लिए अपने फ़्रांसिसी समक्ष से मुलाकात की और सहयोग और संयुक्त रक्षा के कार्यान्वयन पर चर्चा की।
दिसंबर की शुरुआत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अबू धाबी यात्रा के दौरान संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस ने कई सुरक्षा और रक्षा समझौतों और फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू जेट खरीदने के अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए थे। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने ट्वीट किया कि उनका देश अपनी हवाई सीमाओं की सुरक्षा में यूएई सरकार की सहायता करेगा जिन पर यमनी बलों द्वारा हमला किया जा रहा है।
फ्रांस के एक अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि यूएई के साथ हुए समझौते से फ्रांस में 7 हजार नई नौकरियां विकसित होंगी और साल 2031 तक फ्रांस सभी राफेल विमानों की डिलीवरी संयुक्त अरब अमीरात को करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांसीसी अधिकारी ने ये भी कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ ये समझौता इस साल ग्रीस, मिस्र और क्रोएशिया में हुए सौदों के तहत है और करार के तहत फ्रांस हर महीने राफेल विमान का उत्पादन करेगा। यूएई के साथ समझौता होते ही राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन एसए के शेयरों में 9 फीसदी से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई है।
फ्रांस के संयुक्त अरब अमीरात के साथ गहरे संबंध हैं और वह हथियारों के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। लेकिन सऊदी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन और यमन में ईरान-गठबंधन हौथी विद्रोहियों के बीच संघर्ष के कारण इसे अपनी बिक्री की समीक्षा करने के लिए बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ा है। जो दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों में से एक बन गया है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक बयान में कहा कि यूएई द्वारा यमन में सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन के नेतृत्व में अत्याचार से प्रभावित सैन्य अभियानों में अग्रणी भूमिका निभाने के बावजूद फ्रांस इन बिक्री के साथ आगे बढ़ रहा है।