ट्यूनीशिया में तख्तापलट का सबसे बड़ा विजेता है यूएई फ्रेंच वेबसाइट ने ट्यूनीशिया में हुए तख्तापलट पर रिपोर्ट देते हुए कहा कि
ट्यूनीशिया में हुए तख्तापलट का सबसे बड़ा विजेता संयुक्त अरब अमीरात है । सत्ता पर एकाधिकार के बाद ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने अल जजीरा को निशाना बनाकर बिन जायद का इंतकाम लिया है।
फ्रांस की इस खोजी वेबसाइट के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात को लीबिया में अपने सहयोगी खलीफा हफ्तर के रूप में मिली विफलताओं के बाद ट्यूनीशिया में अल जज़ीरा के कार्यालय को जबरन बंद कराने के साथ ही अपना प्रभाव बढ़ाने का मौका मिल गया है ।
इस फ्रेंच वेबसाइट ने कहा है कि ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति कैस सईद की ओर से अल जजीरा के कार्यालय को बंद करने का आदेश वास्तव में संयुक्त अरब अमीरात के युवराज मोहम्मद बिन जायद की एक बड़ी जीत है।
ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने अल जजीरा से मोहम्मद बिन जायद का बदला ले लिया है।
याद रहे कि सोमवार को ट्यूनीशिया की पुलिस ने बिना किसी कारण एवं अदालती आदेश के ट्यूनीशिया में मौजूद अल जजीरा के मुख्यालय पर धावा बोलते हुए वहां मौजूद पत्रकारों को जबरन निकाल दिया था।
इस फ्रेंच वेबसाइट ने कहा कि ट्यूनीशिया वास्तव में लीबिया के रियर बेस का काम कर रहा है । यूएई को चिंता इस बात की भी है कि ट्यूनीशिया लीबिया की सीमा पर तुर्की के विश्लेषकों की मदद से लीबिया की राष्ट्रवादी सरकार का नियंत्रण है।
साथ ही दक्षिणी ट्यूनीशिया की जनता खलीफा हफ्तर से नफरत भी करती हैं और लीबिया सेना के साथ सहानुभूति रखती है। यह स्थिति संयुक्त अरब अमीरात के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।
अल क़ुद्स की रिपोर्ट के अनुसार इस फ्रेंच वेबसाइट का मानना है कि 2011 के बाद से ही बेन अली की विदाई के बाद से यूएई इस देश में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है विशेषकर उस अवस्था में जब लीबिया में उसकी पोजीशन डांवाडोल है।