कासिम सुलैमानी की पहली वर्षगांठ, क्षेत्र से अमेरिकी युद्धपोत की हुई वापसी

ट्रम्प (Trump) सरकार के आखिरी दिनों में ईरान (Iran) के हमले की आशंका बढ़ी हुई है ऐसे में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी युद्धपोत को वापस बुलाने का एलान किया है।

अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर ने जब इसकी घोषणा की उस से ठीक एक दिन पहले ही अमेरिकी एयर फोर्स के बी-52 बॉम्बर विमानों ने अमेरिका से फारस की खाड़ी तक बिना रुके उड़ान भरी थी।

इस ताकत प्रदर्शन का मकसद ईरान को अमेरिकी सेनाओं और हितों पर हमले के खिलाफ चेतावनी देना था। हालाँकि विमानवाहक युद्धपोत यूएसएस निमित्ज को घर भेजने का एलान करते वक्त मिलर ने ईरान का कोई जिक्र नहीं किया है।

इस हफ्ते की शुरुआत में स्थिति पर नजर रख रहे एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने पत्रकारों से कहा था कि अमेरिका को ईरान की तरफ से मध्यपूर्व में इराक या कहीं और सहयोगियों के ठिकाने पर हमले की तैयारी के संकेत मिले हैं। यही वजह थी कि बी-52 बॉम्बर विमानों को अमेरिका ने बुधवार को इलाके में गश्त करने के लिए भेजा था।
अमेरिका की चिंता ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलैमानी की मौत की बरसी को लेकर है। बीते साल 3 जनवरी को बगदाद के एयरपोर्ट पर अमेरिका के एक ड्रोन हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी। ईरान ने इसका जवाब इराक में अमेरिका के एक सैन्य ठिकाने पर बैलिस्टिक मिसाइल के हमले से दिया था।

अमेरिका ने मई 2019 के बाद से लगातार फारस की खाड़ी में विमानवाहक युद्धपोत की तैनाती कर रखी है। उस वक्त इलाके में अमेरिकी हितों के ठिकानों पर ईरान के हमले की योजना बनाने की आशंका को देखते हुए यूएसएस अब्राहम लिंकन की तैनाती के साथ यह सिलसिला शुरू हुआ। बाद में अमेरिका ने जमीन से हमला करने वाले विमान भी भेजे और सऊदी अरब में फिर से सैनिकों की तैनाती कर दी।

इस बीच ईरान में कासिम सुलैमानी के मौत की पहली बरसी पर कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है। ईरान के न्याय विभाग के प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि कासिम सुलैमानी के हत्यारे “पृथ्वी पर कहीं भी सुरक्षित नहीं रहेंगे।” तेहरान में सुलैमानी को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में इब्राहिम रइसी ने कहा, यहां तक कि हमले का आदेश देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प भी “न्याय से बच नहीं पाएंगे।”

तेहरान यूनिवर्सिटी में हुए इस कार्यक्रम में कई ईरानी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही ईरान के क्षेत्रीय सहयोगियों सीरिया, इराक, लेबनान और यमन के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह ख़ामेनई और दूसरे अधिकारी भी कहते रहे हैं कि सुलैमानी की हत्या में शामिल लोगों को इसका अंजाम भुगतना होगा।

सुलैमानी के बाद उनकी जिम्मेदारी संभालने वाले इस्माइल क़ाआनी ने शुक्रवार के कार्यक्रम में चेतावनी दी कि बदले की कार्रवाई कहीं से भी हो सकती है। उन्होंने कहा, “यह भी संभव है कि तुम्हारे (अमेरिका के) लोग ही तुम्हारे अपराध का जवाब दें।”  निमित्ज को अमेरिका ने अप्रैल में भेजा था और इसे साल के आखिर में वापस जाना था। दिसंबर की शुरुआत में इसकी वापसी को टाल दिया गया और इसके पीछे भी ईरान से हमले की आशंका ही एक बड़ी वजह थी। इसके बाद हाल ही में इसे सोमालिया के तटों से अमेरिकी सेनाओं की वतन वापसी में सहयोग करने का हुक्म मिला।

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