ग़ाज़ा मुद्दे पर ‘ब्रिक्स प्लस’ देशों की ऑनलाइन बैठक
ग़ाज़ा पर इज़रायली हमले के दौरान अंतरराष्ट्रीय बैठकों और सम्मेलनों का सिलसिला जारी है। मंगलवार को ब्रिक्स प्लस देशों के बीच एक ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भाग लिया, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी संदिग्ध थी। खबर लिखे जाने तक यह पता नहीं चल पाया था कि पीएम मोदी बैठक में शामिल हुए या नहीं।
ध्यान रहे कि ब्रिक्स बैठक की अध्यक्षता फिलहाल दक्षिण अफ्रीका के पास है। पिछली बैठक में व्लादिमीर पुतिन ने हिस्सा नहीं लिया था। इसी बैठक में ब्रिक्स में 6 और देशों को शामिल करने का ऐलान किया गया। ये देश हैं ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इथियोपिया और ब्राजील।
लेकिन इस बार पुतिन बैठक में शामिल हुए। उनकी भागीदारी की पुष्टि रूसी राष्ट्रपति भवन द्वारा पहले ही कर दी गई थी। ऐसी ही पुष्टि चीनी विदेश मंत्रालय ने शी जिनपिंग को लेकर भी की थी। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी शामिल हुए। यह बैठक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के आह्वान पर बुलाई गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में शामिल होने से परहेज किया है और उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर के बैठक में शामिल होने की संभावना थी। दरअसल, यह बैठक ग़ाज़ा पर इज़रायल के क्रूर हमलों के खिलाफ बुलाई गई थी और मोदी सरकार का रुख फिलहाल इज़रायल पर थोड़ा नरम है। ऐसे में प्रधानमंत्री इजराइल के खिलाफ कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इसी वजह से इस बैठक में हिस्सा नहीं लेना चाहते थे। हालांकि, उनकी गैरमौजूदगी की वजह 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में उनकी व्यस्तता बताई जा रही है। समाचार लिखे जाने तक बैठक का विवरण उपलब्ध नहीं कराया जा सका था।