शनिवार को हिज़्बुल्लाह के 26 ऑपरेशन में इज़रायली ठिकानों पर बड़े हमले
लेबनान की इस्लामी प्रतिरोध संगठन हिज़्बुल्लाह ने शनिवार को इज़रायल के कब्जे वाले इलाकों में बड़े पैमाने पर सैन्य ऑपरेशन किए। हिज़्बुल्लाह के ऑपरेशन रूम की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि शनिवार को कुल 26 ऑपरेशनों को अंजाम दिया गया, जो कि इज़रायली सेना के ठिकानों और यहूदी बस्तियों पर हुए। ये हमले इज़रायल के प्रमुख सैन्य ठिकानों, इंटेलिजेंस यूनिट, एयरबेस और औद्योगिक स्थलों पर हुए, जिन्हें हिज़्बुल्लाह के योद्धाओं ने निशाना बनाया।
मुख्यऑपरेशन में शामिल ठिकाने
गलीलोट ठिकाने पर मिसाइल हमला:
हिज़्बुल्लाह ने तेल अवीव के उपनगर में स्थित “गलीलोट” सैन्य ठिकाने पर मिसाइलों से हमला किया। इस ठिकाने को इज़रायल की इंटेलिजेंस यूनिट 8200 का मुख्यालय माना जाता है, जो इज़रायल की खुफिया जानकारी जुटाने वाली प्रमुख एजेंसी है। इस मिसाइल हमले से मुख्यालय को भारी नुकसान पहुंचा और वहां तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया।
शरागा ठिकाने पर ड्रोन हमला:
हिज़्बुल्लाह ने इज़रायली सेना के गोलानी ब्रिगेड कमांड के प्रशासनिक मुख्यालय “शरागा” पर ड्रोन से हमला किया। यह ठिकाना अपनी सामरिक महत्व के कारण इज़रायली सेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ड्रोन हमले के कारण यहां बड़ा विस्फोट हुआ, जिससे इज़रायलीसेना में हड़कंप मच गया।
गलीलोट पर दोबारा ड्रोन और मिसाइल हमला:
गलीलोट ठिकाने पर दोबारा से ड्रोन और मिसाइलों का संयोजित हमला किया गया। हिज़्बुल्लाह की इस रणनीति से इज़रायली सुरक्षा बलों को गहरा आघात पहुंचा, जिससे वहां के सुरक्षा प्रबंधों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई।
रमात डेविड एयर बेस पर ड्रोन हमला:
हिज़्बुल्लाह ने इज़रायल के प्रमुख एयरबेस “रमात डेविड” पर भी ड्रोन हमला किया। रमात डेविड एयर बेस इजरायल की वायु सेना का महत्वपूर्ण केंद्र है, और इसे निशाना बनाने का उद्देश्य इज़रायल के वायु संचालन को बाधित करना था। इस हमले से एयर बेस को भारी नुकसान पहुंचा।
ज़ोवलोन सैन्य ठिकाने पर मिसाइल हमला:
हाइफा के उत्तर में स्थित इजरायली सैन्य औद्योगिक ठिकाना “ज़ोवलोन” पर मिसाइल हमला किया गया। यह ठिकाना इज़ रायली सेना के लिए सैन्य उत्पादों का एक प्रमुख स्रोत है। हमले के बाद वहां भीषण आग लग गई, जिससे इस ठिकाने पर स्थित सैन्य उपकरणों को नुकसान पहुंचा।
बेलमाखिम एयर बेस पर ड्रोन हमला:
दक्षिणी तेल अवीव में स्थित “बेलमाखिम” एयर बेस पर भी हिज़्बुल्लाह ने ड्रोन हमले किए। इस एयर बेस पर ड्रोन हमला इजरायली वायु सेना के लिए एक चुनौती साबित हुआ।
मसाव ठिकाने पर मिसाइल हमला:
हाइफा के उत्तर-पूर्व में स्थित “मसाव” नामक ठिकाने पर मिसाइल हमला किया गया। हिज़्बुल्लाह ने इस रणनीतिक ठिकाने को निशाना बनाकर इज़रायली सेना को अपनी क्षमता का परिचय दिया।
सैन्य बुलडोजरों की तबाही और सैन्यकर्मियों की मौत:
हिज़्बुल्लाह ने इज़रायली सेना के दो सैन्य बुलडोजरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया, जिनमें सवार सैनिकों की भी मृत्यु हो गई। इस घटना से इज़रायल की सेना में एक बड़ा संकट उत्पन्न हो गया और उसे अपने संसाधनों की हानि का सामना करना पड़ा।
संत जीन लॉजिस्टिक ठिकाने पर हमला:
उत्तरी इज़रायली सेना के कमांड से जुड़े “संत जीन” लॉजिस्टिक ठिकाने पर भी हिज़्बुल्लाह ने मिसाइलों से हमला किया। यह ठिकाना इज़रायली सेना के उत्तरी क्षेत्र के संचालन के लिए महत्वपूर्ण था, और इस पर हमला करके हिज़्बुल्लाह ने इज़रायली सेना की उत्तर क्षेत्र में सैन्य शक्ति को प्रभावित करने का प्रयास किया।
इसके अलावा, हिज़्बुल्लाह के योद्धाओं ने दक्षिणी लेबनान के गांवों और फ़िलिस्तीन की कब्जे वाली सीमा के पास स्थित ऊँचाइयों में कई बार इज़रायली सैनिकों पर हमले किए और उन्हें लेबनान की धरती में घुसने से रोका। इन हमलों ने इज़रायली सेना के मनोबल को प्रभावित किया और हिज़्बुल्लाह के योद्धाओं की ताकत को फिर से उजागर किया।
हिज़्बुल्लाह के इन हमलों से यह साफ हो गया है कि संगठन ने इज़रायली सैन्य ठिकानों पर प्रहार की अपनी क्षमताओं को और मजबूत कर लिया है और वह इज़रायल के कब्जे वाले क्षेत्रों में अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रख सकता है। इस घटनाक्रम से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है और इज़रायल की सेना पर दबाव बढ़ा है।