यमन पर इज़रायली लड़ाकू विमानों का भीषण हमला
यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने सोमवार तड़के एक बयान जारी कर इन हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि इज़रायली दुश्मन ने अल-हुदैदा बंदरगाह पर भीषण हवाई हमले किए हैं। यमनी मीडिया ने रविवार रात रिपोर्ट दी कि इज़रायली दुश्मन ने अल-हुदैदा, रास-अल-ईसा और सलिफ़ बंदरगाहों के साथ-साथ रास अल-ख़तीब के केंद्रीय बिजली संयंत्र को भी निशाना बनाया।
वहीं यमनी सैन्य सूत्रों ने बताया कि यमन की वायु रक्षा प्रणाली ने ज़मीन से हवा में मार करने वाले पहले ही मिसाइल हमले में इज़रायली के 10 युद्धक विमानों को यमन की हवाई सीमा छोड़ने पर मजबूर कर दिया। यमनी सूत्रों के अनुसार, वायुसेना और इज़रायली विमानों के बीच संघर्ष लाल सागर की हवाई सीमा में आधे घंटे से अधिक समय तक जारी रहा। ये हमले उस समय हुए हैं जब इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वॉशिंगटन गए हुए हैं।
इज़रायल के हवाई हमलों के बाद, अंसारुल्लाह के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य हिज़ाम अल-असद ने कहा: दुश्मन के ये हमले हमारी जनता की ग़ाज़ा के समर्थन में हमारे इरादों को और ज़्यादा मज़बूत करेंगे। वहीं यमन की सशस्त्र सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर याह्या सरी ने बुधवार को कहा था कि, ग़ाज़ा में युद्व-विराम के उल्लंघन, आर्थिक नाकेबंदी की वापसी और ज़ायोनी शासन द्वारा मानवीय मदद की रोक को देखते हुए, यमन ने फिर से लाल सागर, अरब सागर और बाब अल-मंदब जलडमरूमध्य में ज़ायोनी शासन से जुड़े जहाज़ों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।

