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इस्राईली सेना ने ली फ़िलिस्तीनी किसानों और मछुआरों की जान

इस्राईली सेना ने ली फ़िलिस्तीनी किसानों और मछुआरों की जान गाजा की पूर्वी सीमा पर तैनात इस्राईली सेना ने दक्षिणी गाज़ा के खानेह यूनुस प्रांत में कृषि भूमि पर गोलीबारी की है।

इस्राईली सेना की इस बर्बरता का पर्दा फाश करते हुए फ़िलिस्तीनी अल-यौम समाचार पत्र ने बताया कि खानेह यूनुस की पूर्वी सीमा के पास इस्राईली सेना ने किसानों और उनके खेतों पर गोलीबारी की है। इस गोलीबारी में संभावित घायलों की संख्या अभी सामने नहीं आई है। गाज़ा के सीमावर्ती क्षेत्रों में इस्राईली सेना की लगातार और दैनिक गोलीबारी का उल्लेख करते हुए सूत्र ने जोर देकर कहा कि इस्राईली सेना फ़िलिस्तीनी निवासियों और किसानों को उनकी भूमि पर काम से वंचित करना चाहते हैं।

इस्राईली सेना की दरिंदगी का आलम यह है कि वह अपने सैन्य अभ्यास में टारगेट के स्थान पर फिलिस्तीनी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। कभी फिलिस्तीनियों को उनके घरों और भूमि से खदेड़ दिया जाता है तो कभी राह चलते फिलिस्तीनी के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी जा रही है। और खेद की बात यह है कि इन तमाम अत्याचार पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं मूकदर्शक बनी हुई हैं।

अरब देशों से भी फिलिस्तीन को कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। विशेषकर अरब इस्राईल संबंधों के सार्वजनिक हो जाने के बाद से फिलिस्तीनियों पर इस्राईल के अत्याचार बढ़ते ही जा रहे है। सन् 1967 के मिडिल ईस्ट युद्ध में इस्राईल ने वेस्ट बैंक पर कब्ज़ा कर लिया था। फिलिस्तीनी एक स्वतंत्र राज्य चाहते है जिसे वे वेस्ट बैंक, गाज़ा और पूर्वी यरुशलम में स्थापित करने की उम्मीद करते हैं।

 

 

 

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