इज़रायल ने ग़ाज़ा में यूएन राहत एजेंसी कार्यालय को ध्वस्त कर दिया
इज़रायली बुलडोज़रों ने कथित तौर पर ग़ाज़ा के ‘नूर शम्स’ शरणार्थी शिविर में संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के कार्यालय को ध्वस्त कर दिया, जिससे संघर्ष क्षेत्रों में सुरक्षित सुविधाओं को लेकर संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यूएनआरडब्ल्यूए ने गुरुवार को इस घटना की जानकारी दी, जिसमें एजेंसी के प्रमुख फिलिप लाज़ारिनी ने पुष्टि की कि “कार्यालय अब उपयोग के योग्य नहीं है।”
लाज़ारिनी ने इस गंभीर मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “संयुक्त राष्ट्र की सुविधाओं को नियमित रूप से नजरअंदाज किया जा रहा है, जबकि इनकी सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जानी चाहिए, विशेष रूप से संघर्ष के समय।” ग़ाज़ा पट्टी के उत्तर पश्चिम में स्थित तिलकरम शहर के पास 1952 में स्थापित नूर शम्स शरणार्थी शिविर में यूएनआरडब्ल्यूए की कई महत्वपूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
इस शिविर में एक हज़ार से अधिक छात्रों के लिए दो स्कूल और एक स्वास्थ्य केंद्र है, जो बुनियादी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। इज़रायली सेना ने यूएनआरडब्ल्यूए के कार्यालय को नुकसान पहुंचाने की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है, बावजूद इसके कि यह घटना ऐसे समय में हुई है जब इज़रायल में कानूनों में बदलाव हुए हैं।
हाल ही में, इज़रायली कनेस्सेट (संसद) ने दो नए कानून पारित किए हैं, जो यूएनआरडब्ल्यूए को इज़रायली कब्जे वाले ग़ाज़ा और पश्चिमी किनारे में फिलिस्तीनियों को सहायता और सेवाएं प्रदान करने से रोकते हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, लाज़ारिनी ने इन कानूनों को “खतरनाक मिसाल” बताया, जो संयुक्त राष्ट्र के मूल सिद्धांतों और इज़रायल की अंतरराष्ट्रीय ज़िम्मेदारियों के विपरीत है।
गौरतलब है कि यूएनआरडब्ल्यूए की स्थापना 1949 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इज़रायल के गठन के समय विस्थापित हुए फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद के उद्देश्य से की गई थी।