आईएसआईएल का दावा, सिनाई में 11 मिस्र के सैनिक मारे गए
आईएसआईएल समूह ने सिनाई प्रायद्वीप में मिस्र के 11 सैनिकों पर हमले की जिम्मेदारी ली है। मिस्र की सेना के अनुसार हमले में कम से कम पांच अन्य सैनिक घायल हो गए।
मिस्र के सैन्य प्रवक्ता ग़रीब अब्दुल हाफिज ने बताया कि पश्चिमी सिनाई में एक वॉटर पंपिंग स्टेशन पर हमला किया गया। लेकिन मिस्र के सैनिकों ने इस हमले को नाकाम कर दिया। ग़रीब अब्दुल हाफिज के अनुसार संघर्ष में मारे गए 11 सैनिकों में 10 सैनिक और एक अधिकारी शामिल हैं। खबर है कि आंतकवादी अभी भी सुनसान इलाकों में छिपे हुए है।
राज्य द्वारा संचालित अल-अहराम समाचार वेबसाइट ने बताया कि झड़प ईस्ट कैनाल वाटर लिफ्टिंग स्टेशन की चौकी पर हुईं। मिस्र पिछले एक दशक में सिनाई में आतंकवाद का मुकाबला कर रहा हैं और काफी हद तक आतंकी गतिविधियों को सीमित करने में कामयाब भी रहा हैं। सिनाई में आतंकवादी ज्यादातर इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े हुए है।
सिनाई विद्रोह में शुरू में उग्रवादी शामिल थे जो बड़े पैमाने पर स्थानीय बेडौइन आदिवासियों से बने थे जिन्होंने मिस्र में अराजक स्थिति का फायदा उठाया और सिनाई में सरकारी बलों पर हमलों की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए केंद्रीय प्राधिकरण को कमजोर कर दिया। 2014 में अंसार बैत अल-मकदीस समूह के तत्वों ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएल या आईएसआईएस) के प्रति निष्ठा का वादा किया और खुद को सिनाई प्रांत और आईएसआईएल का एक हिस्सा घोषित किया ।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि लीबिया में स्थित उग्रवादियों ने सिनाई प्रांत समूह के साथ संबंध स्थापित कर लिए हैं और इस्लामी समूहों के लिए उपलब्ध परिष्कृत हथियारों में वृद्धि के लिए छिद्रपूर्ण सीमा और चल रहे गृहयुद्ध को जिम्मेदार ठहराया है। मिस्र के अधिकारियों ने राजनीतिक और सैन्य दोनों उपायों के माध्यम से सिनाई में अपनी उपस्थिति बहाल करने का प्रयास किया है। मिस्र ने दो सैन्य अभियान शुरू किए जिन्हें २०११ के मध्य में ऑपरेशन ईगल के रूप में जाना जाता है और फिर २०१२ के मध्य में ऑपरेशन सिनाई ।