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ईरान की मिसाइल नीति बदली, अब संख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता पर ज़ोर: सीएनएन

ईरान की मिसाइल नीति बदली, अब संख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता पर ज़ोर: सीएनएन

अमेरिकी चैनल सीएनएन की यह रिपोर्ट अपने आप में एक बड़ा कबूलनामा है। वह देश जो वर्षों से ईरान की सैन्य क्षमताओं को कमतर दिखाने की कोशिश करता रहा, अब यह मान रहा है कि ईरान ने न केवल अपनी मिसाइल नीति को बदला है, बल्कि उसे तकनीकी और सामरिक स्तर पर और भी घातक बना दिया है।

सीएनएन के अनुसार, ईरान अब केवल मिसाइलों की संख्या के बल पर जवाब नहीं देता, बल्कि हर हमले में टारगेट की सटीकता और विनाशक क्षमता को प्राथमिकता देता है। यह बदलाव उस रणनीतिक सोच का हिस्सा है, जो ईरान को एक रक्षात्मक नहीं, बल्कि सक्षम प्रतिरोधी शक्ति बनाता है।

इस रिपोर्ट से यह भी साफ हुआ कि ईरान की मिसाइलें अब केवल चेतावनी नहीं, बल्कि प्रभावी जवाब हैं। इज़राइली सेना, जिसने कभी दावा किया था कि “ईरान के साथ युद्ध एक हफ्ते में निपटा लिया जाएगा”, अब अपने ही शब्दों से पीछे हट चुकी है।

हारेत्ज़ अख़बार के अनुसार, इज़राईल अब मानता है कि ईरान के साथ जंग की कोई तय समय-सीमा नहीं हो सकती, क्योंकि ईरान की मिसाइल और ड्रोन क्षमताएं लगातार इज़राइली प्रतिष्ठानों को टारगेट कर रही हैं, और वह भी बिना किसी पूर्व चेतावनी के।

ईरान ने यह दिखा दिया है कि वह अब सिर्फ जवाब देने वाला देश नहीं है, बल्कि हर हमले का ऐसा जवाब देने वाला है जो दुश्मन को पश्चाताप पर मजबूर कर दे। यह परिवर्तन केवल सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक युद्ध में भी ईरान की बढ़ती ताक़त का प्रतीक है।

यह रिपोर्ट न केवल ईरान की रणनीतिक क्षमता का प्रमाण है, बल्कि पश्चिमी प्रचार तंत्र के झूठ का पर्दाफाश भी। जब दुश्मन खुद तुम्हारी ताक़त को स्वीकार करने लगे, तो समझ लो, मुकाबला बराबरी का नहीं रहा।

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