ईरान के नतंज़ परमाणु सनयंत्र पर हमला हुआ तो ऐसी अफवाहें थी कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी हानि हुई है लेकिन ईरान ने यूरेनियम संवर्धन को 60% कर साड़ी अफ़्वहों पर विराम लगाते हुए अपने विरोधी ख़ैमे को सदमे में ड़ाल दिया है।
अफ़वाहें थीं कि ईरान के यूरेनियम संवर्धन की क्षमता को भारी नुक़सान पहुंचा है और वह कम से कम 9 महीने तक अपनी इस क्षमता को बहाल नहीं कर सकेगा। हालांकि तेहरान द्वारा संवर्धन का ग्रेड तुरंत रूप से 20%से बढ़ाकर 60% करने से इन अफ़वाहों पर पानी फिर गया।
इस्राईल सेना की ख़ुफ़िया सेवा के पूर्व प्रमुख आमोस यादलिन ने सीएनबीसी से बात करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि ईरान पिछले 20 वर्षों से इस तरह के हमले के लिए पहले से तैयार था।
यादलिन ने 2007 में इस्राईली सेना की ख़ुफ़िया सेवा के प्रमुख के रूप में सीरिया के तथाकथित ख़ुफ़िया परमाणु प्लांट पर बमबारी की योजना तैयार की थी, हालांकि दमिश्क़ कहता रहा है कि उसकी कभी ऐसी कोई योजना नहीं थी।
यादलिन के अनुसार इराक़ का पूर्व तानाशाह सद्दाम और सीरियन राष्ट्रपति बश्शार असद आश्चर्यचकित रह गए थे, लेकिन ईरान को ऐसी कार्रवाई पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। इराक़ और सीरिया के परमाणु प्रतिष्ठान एक ही स्थान पर केन्द्रित थे, लेकिन ईरान का परमाणु कार्यक्रम काफ़ी फैला हुआ है और बहुत मज़बूत है।
यादलिन के अनुसार, हमने जो किया उसको देखते हुए ईरान ने रणनीति बनाई। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि इस्राईल ने भी अपनी अतीत की कार्यवाहियों से सीखा है और अधिक विध्वंसकारी कार्यवाहियों के लिए उसके पास अधिक क्षमता है।
याद रहे कि यादलिन 1981 में इराक़ के निर्माणाधीन परमाणु प्रतिष्ठान पर बमबारी करने वाले इस्राईली पायलटों में शामिल थे।