ईरान, रूस और चीन के साथ मिलकर करेगा युद्धभ्यास इस साल के अंतिम दिनों या अगले साल की शुरुआत में चीन और रूस और ईरान फारस की खाड़ी में नौसैनिक अभ्यास करेंगे।
ईरान, रूस और चीन के साथ मिलकर अपनी सैन्य क्षमताओं एवं समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए फारस की खाड़ी में युद्ध अभ्यास करेगा। तेहरान में रूस के राजदूत लुआन जगेरियान ने कहा है कि 2021 के अंतिम दिनों या 2022 की शुरुआत में तेहरान, मास्को और बीजिंग मिल कर संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करेंगे।
इस नौसैनिक अभ्यास में तीनों देशों की नौसेना के युद्धपोत शामिल होंगे तथा समुद्री सुरक्षा और समुद्री लुटेरों के खिलाफ अपनी तैयारियों एवं सैन्य क्षमताओं का जायजा लेंगे।
रूस , चीन और ईरान के संयुक्त नौसैनिक अभ्यास पर टिप्पणी करते हुए ग्लोबल टाइम्स ने इसे बेहद महत्वपूर्ण बताया है। ग्लोबल टाइम्स ने रूस , चीन और ईरान के नौसैनिक अभ्यास को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि यह तीनों देश समुद्री व्यापार को लेकर निश्चित होना चाहते हैं।
ईरान अपने तेल निर्यात के लिए समुद्र मार्ग पर निर्भर है। तेल निर्यात के लिए वह आयल टैंकरों पर आश्रित है। वहीं रूस का अधिकांश व्यापार समुद्र का मार्ग से होता है तो चीन को भी दुनियाभर के साथ अपने व्यापार एवं गैस और पेट्रोलियम पदार्थों के आयात के लिए समुद्र मार्ग पर निर्भर रहना होता है।
इस समुद्र मार्ग की सुरक्षा को सुनिश्चित करना अर्थात इन तीनों देशों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसलिए समुद्री सुरक्षा एवं नौसैनिक उद्देश्यों को लेकर इन तीनों देशों का एक दूसरे के साथ मिलकर सहयोग करना स्वाभाविक है।
समुद्री लुटेरों का सामना करने एवं क्षेत्र के तेजी से बदलते घटनाक्रम विशेषकर पल-पल रंग बदलते अफगानिस्तान के हालात को लेकर ईरान रूस और चीन के बीच बढ़ता स्ट्रैटेजिक सहयोग ध्यान आकर्षित करता है।