ईरान ने सोमवार को किया दूसरा मिसाइल हमला, ईज़रायल से जंग चौथे दिन में दाख़िल
तेहरान – सोमवार तड़के, ईरान ने ईज़रायल के कब्ज़े वाले क्षेत्रों पर एक और मिसाइल हमला किया, जो इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से दसवां हमला था। यह हमला उस घबराहट भरे माहौल के बाद हुआ जिसमें आधी रात के क़रीब पहली स्ट्राइक और फिर एक फर्जी अलर्ट के बाद इज़रायली नागरिक शरणगाहों में छिपे रहे।
इज़रायली सेंसरशिप के बावजूद, ऑनलाइन वायरल हो रहे वीडियो में हाइफ़ा के एक बड़े पावर प्लांट को आग की लपटों में घिरा दिखाया गया है। इस हमले के बाद कब्ज़े वाले कई क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई। ताज़ा मिसाइल हमले में तेल अवीव के कई ठिकानों को भी निशाना बनाया गया, जहां बड़ी संख्या में एम्बुलेंस घटनास्थल पर शवों को उठाते देखी गईं।
इससे पहले आधी रात को, ईरान ने नेगेव रेगिस्तान, किरयात गात और हाइफ़ा के अन्य क्षेत्रों में स्थित सामरिक ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे सैन्य और आर्थिक ढांचे को गंभीर नुक़सान पहुँचा। नेगेव रेगिस्तान में ईज़रायल का डिमोना परमाणु परिसर और छिपे हुए मिसाइल ठिकाने स्थित हैं। किरयात गात, ईज़रायल के सैन्य तकनीकी क्षेत्र के लिए अति-महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र है। पिछले दिनों में ईरान, ईज़रायल की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और 150 से अधिक सैन्य व खुफिया ठिकानों पर हमले कर चुका है।
यह युद्ध तब शुरू हुआ जब शुक्रवार सुबह, ईज़रायल ने तेहरान के आवासीय इलाक़ों और परमाणु केंद्रों पर व्यापक हमले किए। इसके बाद इज़रायली हमलों का केंद्र मुख्यतः नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर रहा है। अब तक ईज़रायल द्वारा 7 ईरानी सैन्य अधिकारियों, 9 परमाणु वैज्ञानिकों और 220 से अधिक नागरिकों की हत्या की जा चुकी है। ईरान ने वादा किया है कि वह हमले तब तक जारी रखेगा जब तक इज़रायल पूरी तरह बेबस न हो जाए।
हालांकि इज़रायल के ताज़ा हमलों के पीछे की मंशा स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह ईरानी सरकार के ख़िलाफ़ जन असंतोष भड़काने की कोशिश हो सकती है। वहीं कुछ का कहना है कि इज़रायल ने सोचा था कि ईरानी सैन्य नेताओं की हत्या से ईरान की जवाबी कार्रवाई की क्षमता खत्म हो जाएगी, जो कि एक ग़लत आकलन साबित हुआ।

