ग़ाज़ा युद्ध हमास की जीत, इज़रायल की हार है: इज़रायली सुरक्षा अधिकारी
इज़रायल के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख और “जनरल योजना” के सिद्धांतकार जनरल गीयोरा आयलैंड ने ग़ज़ा में चल रहे युद्ध पर खुलकर कहा है कि हमास ने इस युद्ध में जीत हासिल की है, जबकि इज़रायल को एक बड़ी और अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है।
गीयोरा आयलैंड ने अपने बयान में कहा कि इस युद्ध ने इज़रायली समाज, सैनिकों और देश की समग्र स्थिति पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा, “युद्ध को जारी रखना अब पूरी तरह व्यर्थ है। न केवल हमारे सैनिकों की जान गई है, बल्कि आर्थिक हालात भी बदतर हो चुके हैं।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह युद्ध इज़रायल के लिए एक रणनीतिक विफलता है, क्योंकि इसके घोषित लक्ष्य पूरे नहीं हो सके। गीयोरा आयलैंड के अनुसार, “मई में ही इसी समझौते तक पहुँचना संभव था, जो अब हुआ है। यदि ऐसा पहले हो जाता, तो 120 इज़रायली सैनिकों की मौत को टाला जा सकता था।”
गीयोरा आयलैंड की विवादास्पद योजना
सितंबर में गीयोरा आयलैंड ने एक विवादास्पद योजना पेश की थी, जिसमें ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से को 400,000 निवासियों से खाली कराकर इसे एक ‘बंद सैन्य क्षेत्र’ में बदलने का प्रस्ताव रखा गया था। इस योजना के तहत, “समर्पण करो या भूख से मरो” का क्रूर सिद्धांत लागू किया जाना था।
उन्होंने अपने बयान में कहा था कि, “हमें ग़ाज़ा के उत्तरी क्षेत्र के निवासियों को एक सप्ताह का समय देना चाहिए कि वे यह इलाका छोड़ दें। इसके बाद इस क्षेत्र को पूरी तरह से सैन्य क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए। इस क्षेत्र में रहने वाले हर व्यक्ति को वैध सैन्य लक्ष्य माना जाएगा, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इस क्षेत्र में कोई भी राशन या सहायता सामग्री प्रवेश नहीं कर सकेगी।”
अंतरराष्ट्रीय कानून पर दावा
गीयोरा आयलैंड ने अपनी योजना के समर्थन में यह तर्क दिया कि घेराबंदी केवल एक सैन्य रणनीति नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार भी वैध है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ग़ाज़ा को इस तरह की रणनीति से नियंत्रित करना इज़रायल की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
इज़रायल की विफलता और युद्ध के परिणाम
गीयोरा आयलैंड ने यह भी स्वीकार किया कि इज़रायल ने इस युद्ध में जो लक्ष्य तय किए थे, वे पूरे नहीं हो सके। उन्होंने कहा, “हमारे पास इसे पहले रोकने का अवसर था, लेकिन हमने इसे अनदेखा किया। इसका नतीजा यह हुआ कि इज़रायल को सैनिकों की मौत, आर्थिक गिरावट और अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा।”
हमास की रणनीति की सफलता
गीयोरा आयलैंड के बयान से यह स्पष्ट होता है कि हमास ने अपनी रणनीति से इज़रायल को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने इज़रायल की सैन्य और राजनीतिक योजना को विफल बताते हुए इसे एक “ऐतिहासिक हार” कहा। इस बयान ने इज़रायली राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के खिलाफ सवाल खड़े कर दिए हैं। युद्ध की विफलता और गीयोरा आयलैंड के इस साहसिक बयान ने इज़रायली समाज में बहस को और तेज कर दिया है।