ग़ाज़ा पट्टी पर नियंत्रण का ट्रंप का बयान बेबुनियाद हैं: हमास
हमास के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य इज़्ज़त अल-रिशक ने कहा कि ग़ाज़ा कोई साझा भूमि नहीं है कि कोई भी पक्ष इसके नियंत्रण पर फैसला करे, बल्कि यह फ़िलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्रों का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी समाधान को कब्ज़े को समाप्त करने और फ़िलिस्तीनी जनता के अधिकारों को बहाल करने के आधार पर होना चाहिए, न कि एक संपत्ति व्यापारी की मानसिकता और बल व प्रभुत्व की सोच पर।
अल-रिशक ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान एक बार फिर इस बात की पुष्टि करते हैं कि अमेरिका पूरी तरह से इज़रायली शासन और उसके अत्याचारों का समर्थन कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि फ़िलिस्तीनी जनता और उनकी ताकतें, जो अरब और इस्लामी उम्मत तथा दुनिया के स्वतंत्र लोगों का समर्थन प्राप्त कर रही हैं, जबरन विस्थापन की सभी साजिशों को नाकाम कर देंगी।
इसी बीच, हमास के नेता सामी अबू ज़हरी ने कहा कि ग़ाज़ा पट्टी पर नियंत्रण को लेकर ट्रंप के बयान निराधार और बेबुनियाद हैं और इस तरह की सोच क्षेत्र में आग भड़काने के लिए पर्याप्त है। अबू ज़हरी ने कहा कि ग़ाज़ा पट्टी में हमारी जनता इन योजनाओं को लागू नहीं होने देगी और अत्याचार व कब्ज़े को समाप्त किया जाना चाहिए, न कि लोगों को उनकी ज़मीन से निकाला जाए। उन्होंने ट्रंप के बयान को क्षेत्र में अराजकता और तनाव पैदा करने वाला बताया।
इसी संदर्भ में, हमास के प्रवक्ता अब्दुल लतीफ़ अल-क़ानूआ ने कहा कि हमारी जनता के जबरन विस्थापन को लेकर अमेरिकी बयान, जिनमें ट्रंप का हालिया खतरनाक बयान भी शामिल है, फ़िलिस्तीन के न्यायसंगत मुद्दे को ख़त्म करने का एक नाकाम प्रयास है। अल-क़ानूआ ने कहा कि जो लोग 15 महीनों तक सबसे शक्तिशाली सैन्य मशीनरी और सबसे अपराधी सेना के खिलाफ डटे रहे और जबरन विस्थापन की साजिश को नाकाम किया, वे इसी तरह डटे रहेंगे और किसी भी कीमत पर इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि हम दुनिया के देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि वे ट्रंप के इस बयान का विरोध करें और हमारी जनता के वैध अधिकारों का समर्थन करें, ताकि कब्ज़े को समाप्त किया जा सके और उन्हें आत्मनिर्णय का अधिकार मिल सके।