लेबनान में युद्ध-विराम एक परीक्षण के रूप में होगा: इज़रायली मीडिया

लेबनान में युद्ध-विराम एक परीक्षण के रूप में होगा: इज़रायली मीडिया

हालांकि इज़रायल और लेबनान के बीच युद्धविराम (ceasefire) के समझौते की संभावना के बारे में चर्चा हो रही है, लेकिन इज़रायली मीडिया के अनुसार, हिज़्बुल्लाह के साथ युद्ध जारी रहेगा और युद्ध-विराम को एक प्रकार के परीक्षण के रूप में देखा जाएगा।

नेतन्याहू की चिंता: इज़रायली अखबार “इज़रायल ह्यूम” ने मंगलवार तड़के यह जानकारी दी कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस बात से नाखुश और चिंतित हैं कि उनके राजनीतिक दल लिकुड और राइट विंग के कुछ सदस्य इस संभावित युद्ध-विराम समझौते का विरोध कर रहे हैं। इस कारण नेतन्याहू अपने आंतरिक विरोधियों से इस समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं।

समझौते पर शंका: इज़रायली राजनीतिक अधिकारी ने बताया कि इज़रायल ने यह सुनिश्चित नहीं किया है कि अगर हिज़्बुल्लाह इस युद्ध-विराम समझौते का उल्लंघन करता है, तो वे उनके वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाने से बचेंगे। इसके अलावा, हिज़्बुल्लाह के उन सदस्यों को वापस लाने की मांगों का भी इस समझौते में कोई जिक्र नहीं है, जो इस समय इज़रायली हिरासत में हैं। इज़रायली अधिकारियों का कहना है कि, इसका मतलब यह है कि, इस समझौते में हिज़बुल्लाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को जारी रखने का रास्ता खुला रखा जाएगा।

अमेरिकी सैनिकों की तैनाती: अखबार ने यह भी बताया कि अमेरिकी सैनिकों को लेबनान में तैनात किया जाएगा, जो इस युद्ध-विराम समझौते की निगरानी करेंगे। इन अमेरिकी सैनिकों का मुख्य काम युद्ध-विराम की शर्तों का पालन सुनिश्चित करना होगा। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सैनिकों की तैनाती के बाद, इज़रायल की सेनाओं की वापसी और लेबनानी सेना की तैनाती के बाद वे वापस लौट जाएंगे।

युद्ध-विराम का परीक्षण: इज़रायली टीवी चैनल 7 ने भी एक राजनीतिक अधिकारी के हवाले से कहा कि यह युद्ध-विराम केवल एक परीक्षण के रूप में होगा। इसका मतलब यह है कि समझौता शुरू में लागू किया जाएगा, लेकिन अगर यह सफल नहीं होता तो युद्ध फिर से जारी हो सकता है।

हमास और युद्ध-बंदियों का मुद्दा: इस अधिकारी ने यह भी दावा किया कि हिज़्बुल्लाह के खिलाफ युद्ध जारी रखने के बावजूद, हमास (ग़ाज़ा का इस्लामी प्रतिरोध समूह) को इस युद्ध में अकेला छोड़ दिया जाएगा। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि हमास के साथ एक युद्ध-बंदियों के आदान-प्रदान (prisoner exchange deal) का समझौता जल्द हो सकता है, जिससे दोनों पक्षों के बंदी एक-दूसरे को लौटाए जा सकते हैं।

इस प्रकार, यह स्पष्ट हो रहा है कि इज़रायल ने लेबनान और हिज़बुल्लाह के साथ संभावित युद्ध-विराम समझौते पर शंका और विरोध के बावजूद, इसे एक परीक्षण के रूप में लागू करने का निर्णय लिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles