आयतुल्लाह ख़ामेनई ने की अर्दोग़ान को नसीहत
आस्ताना शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए तेहरान पहुंचे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने आयतुल्लाह ख़ामेनई से अलग अलग मुलाक़ात की.
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने रजब तय्यब अर्दोग़ान को सीरिया के खिलाफ किसी भी फौजी कार्रवाई से बाज़ रहने की ताकीद करते हुए कहा कि आतंकवाद से मुक़ाबला ज़रूर करें लेकिन सीरिया पर किसी भी तरह का फौजी हमला तुर्की के लिए नुकसान दायक और आतंकी संगठनों के लिए फायदेमंद होगा और यह आतंकी संगठन न तो सीमित हैं न ही कोई ख़ास संगठन.
अर्दोग़ान से की ओर से ईरान से समर्थन मांगने पर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में हम आपके साथ हैं हम तुर्की और उसकी सरहदों की हिफाज़त को अपने हिफाज़त की तरह मानते हैं. आप भी सीरिया की सुरक्षा और हिफाज़त को अपनी सुरक्षा और हिफाज़त मानिये. सीरिया के मामले को बातचीत के ज़रिये हल कीजिये. सीरिया संकट को ईरान, तुर्की और रूस मिलकर बातचीत के माध्यम से हल करें.
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने कहा कि तुर्की और ईरान मुश्किल वक़्त में एक दूसरे के सहयोगी रहें हैं हम तुर्की की मुस्लिम जनता के लिए दुआ करते हैं.
अर्दोग़ान ने कहा कि ईरान के खिलाफ मोर्चाबंदी हुई तो तुर्की कभी चुप नहीं बैठा है हम ईरान के साथ सहयोग बढ़ाने के हामी हैं. सीरिया संकट पर बात करते हुए अर्दोग़ान ने कहा कि सीरिया में, आतंकवादी गुटों को जर्मनी, इंग्लैंड, फ्रांस और खास कर संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों से भारी आर्थिक समर्थन के साथ साथ हथियार और अन्य साज़ो सामान मिलता रहा है.
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने अरब और कुछ दूसरे मुस्लिम देशों के इस्राईल के साथ रिश्तों पर कहा कि हालाँकि कुछ सरकारें इस्राईल से रिश्ते बढ़ाने पर तुली हैं लेकिन क्षेत्र की जनता इस्राईल के साथ किसी तरह का रिश्ता नहीं चाहती.
आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इस क्षेत्र में कलह और दुश्मनी के कारणों को बयान करते हुए कहा कि यहाँ दुश्मनी और मतभेद का कारण इस्राईल है जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका का भरपूर समर्थन हासिल है.