अमेरिका ने हजारों टन सड़ी हुई खाद्यय सामग्री यमन भेजी पिछले 7 साल से भी अधिक समय से अमेरिका और इस्राईल के एजेंडे पर सऊदी अरब यमन के खिलाफ युद्ध छेड़े हुए है।
अमेरिका ने अब यमन की सहायता के नाम पर इस देश में सैकड़ों टन खाद्य सामग्री तो भेजी है लेकिन वह सब का सब बेकार है और किसी भी काम का नहीं है।
यमन के अलमसीरा टीवी चैनल की रिपोर्ट के अनुसार यमन जन आंदोलन अंसारुल्लाह के अधिकारियों ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने यमन की सहायतार्थ हजारों टन खाद्य पदार्थ तो भेजा है लेकिन वह सब सड़ा हुआ है।
अमेरिका की ओर से यमन की सहायता के नाम पर भेजे गए खाद्य पदार्थों में चने दालें एवं दूसरी चीजें भी शामिल है लेकिन यह सब सड़ चुका है। यमनी अधिकारियों ने अलमीरा टीवी से बात करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से अमेरिका की ओर से भेजे गए खाद्य पदार्थों में कीड़े पड़ चुके हैं।
यमन अल हुदेदाह बंदरगाह पहुंची इस सहायता सामग्री के भेजने का केंद्र अमेरिका और यूक्रेन बताया गया है। इस सहायता सामग्री का गंतव्य यमन है। हुदेदाह बंदरगाह पहुंचा यह 11000 टन खाद्य पदार्थ किसी काम का नहीं है। यह सब सड़ा हुआ है और उसमें कीड़े पड़े हुए हैं।
याद रहे कि यमन पिछले 7 साल से सऊदी अतिक्रमणकारी गठबंधन के बर्बर हमलों और संपूर्ण नाकाबंदी का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ बार-बार ऐलान कर चुका है कि यमन इस सदी की सबसे बड़ी मानव त्रासदी का सामना कर रहा है और उसे गंभीर संकट का सामना है यमन में लाखों बच्चे भुखमरी का शिकार हैं वहीं लाखों कुपोषण की भेंट चढ़ चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय ग़ैर सरकारी संगठन बार बार यमन की हालत पर चेताते रहे है कि यमन में व्यापक स्तर पर अकाल एवं मानवीय त्रासदी पांव पसार चुकी है। यमन पहुंचने वाली सहायता में रुकावट और इस देश की नाकाबंदी तथा आम नागरिकों पर निरंतर बमबारी के कारण यमन बर्बादी की कगार पर पहुँच चुका है।
यमन के लगभग 60 प्रतिशत लोगों को खाद्य पदार्थों की कमी का सामना है। इनमें से तीस लाख महिलाएं और बच्चे तो एसे हैं जो भारी कुपोषण का शिकार हैं। यमन में 22 लाख बच्चों को कुपोषण का सामना है और प्रतिदिन 10 वर्ष से कम उम्र के दसियों बच्चे अपनी जान से हाथ धो रहे हैं।