यमन पर बरसने वाले हर बम और मिसाइल का जिम्मेदार अमेरिका यमन की सर्वोच्च क्रांति परिषद के प्रमुख मोहम्मद अली हौसी ने यमन युद्ध का जिम्मेदार अमेरिका को बताया है ।
यमन पर बरसने वाले हर बम और मिसाइल तथा इस देश की नाकाबंदी का जिम्मेदार अमेरिका को बताते हुए मोहम्मद अली हौसी ने कहा कि अमेरिका यमन और इस्लामी उम्मत का सबसे बड़ा दुश्मन था और रहेगा। अमेरिका ही वह शैतान है जिसने यमन के खिलाफ युद्ध शुरू किया है और इस देश की नाकाबंदी किए हुए है।
मोहम्मद अली अल हौसी ने यमन युद्ध और सऊदी अरब की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि यमन की जनता पर चलने वाली हर गोली, इस देश पर बरसने वाले बम और मिसाइल वास्तव में अमेरिका की ओर से दाग़े गए हैं । अमेरिका के बिना सऊदी अरब किसी काम का नहीं है । F-15 और F-16 युद्धक विमान तो बहुत दूर की बात है अगर अमेरिका ना हो तो सऊदी अरब कागज के जहाज भी नहीं बना सकता ।
मशरिक़ न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार यमन के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर अमेरिका ना चाहता तो यमन के खिलाफ ना कोई युद्ध छेड़ा जा सकता था न ही यमन के खिलाफ अतिक्रमण करते हुए उसकी नाकाबंदी की जा सकती थी । यह अमेरिका है जो पिछले 7 साल से यमन के मूल आधारभूत ढांचे को तबाह करने में जुटा हुआ है । यमन की नाकाबंदी में अमेरिकी जल सेना एवं युद्धपोतों की प्रभावी भूमिका है । लेकिन यमन की जनता को अमेरिका का कोई खौफ नहीं है और वह अब भी अपने मत पर अडिग है ।
याद रहे कि यमन की राजधानी सनआ समेत अन्य शहरों में भी यमन की जनता ने बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर अमेरिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना रोष प्रकट किया।