ग़ाज़ा में सहायता की स्थिति में को खास सुधार नहीं हुआ: अमेरिका
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने ग़ाज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने की दिशा में इज़रायल द्वारा उठाए गए कदमों पर असंतोष व्यक्त किया है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि कुछ सीमित प्रयास किए गए हैं, लेकिन यह सहायता ग़ाज़ा की गंभीर मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब तक इज़रायल द्वारा जो भी छोटे कदम उठाए गए हैं, उनसे वहां की स्थिति में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है।
अमेरिका का 30 दिनों का अल्टीमेटम
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अमेरिका ने ग़ाज़ा में सहायता पहुंचाने के लिए इज़रायल को 30 दिनों का समय दिया था। इस अल्टीमेटम के अनुसार, ग़ाज़ा में प्रतिदिन 350 सहायता ट्रकों को प्रवेश की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था, ताकि वहाँ के लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा सके। लेकिन अब जबकि इस अल्टीमेटम के आधे से ज्यादा दिन बीत चुके हैं, फिर भी ग़ाज़ा तक आवश्यक सहायता नहीं पहुंच पाई है।
मानवीय संकट में वृद्धि
सहायता कर्मियों और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि ग़ाज़ा में स्थिति अब और भी ज़्यादा चिंताजनक बन गई है। वहाँ भोजन, पानी, चिकित्सा सामग्री और अन्य आवश्यक चीजों की भारी कमी है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि ग़ाज़ा के नागरिकों की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। इस प्रकार के संकट के बीच, इज़रायल की आलोचना की जा रही है, क्योंकि उसके हमलों के कारण वहाँ के लोगों की हालत हर रोज़ ख़राब होती जा रही है।
क्या कह रहे हैं अमेरिकी अधिकारी?
मैथ्यू मिलर ने स्पष्ट किया कि ग़ाज़ा तक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए कुछ और रास्ते खोले गए हैं, लेकिन यह संख्या काफी नहीं है। उन्होंने कहा, “आज तक, स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। हमने कुछ अतिरिक्त कदमों और रास्तों में बढ़ोतरी देखी है, लेकिन यदि आप पत्र में दी गई अनुशंसाओं को देखें, तो उन्हें पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है।”
हालांकि अमेरिका द्वारा दी गई 30 दिनों की समय सीमा अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन मिलर के अनुसार, जो परिणाम अब तक आए हैं, वे काफी संतोषजनक नहीं हैं। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है, लेकिन अब यह देखना होगा कि क्या आने वाले दिनों में ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की स्थिति में कोई ठोस सुधार देखने को मिलेगा या नहीं।