हिज़्बुल्लाह का इज़रायली सेना के ठिकानों पर 26 बड़ा हमला
लेबनान के इस्लामिक प्रतिरोध संगठन, हिज़्बुल्लाह ने रविवार सुबह एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की, जिसमें उसने शनिवार को कब्जाधारी इज़रायली सेना के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाइयों का ब्यौरा दिया। इन हमलों में लेबनान-फिलिस्तीन सीमा के पास और कब्जे वाले फिलिस्तीन के भीतर स्थित सामरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन कार्रवाइयों को “खैबर अभियान” के तहत अंजाम दिया गया, जिसे “लब्बैक या नसरुल्लाह” के नारे के साथ जोड़ा गया।
हमलों का विवरण
1. रात 11:15 बजे (स्थानीय समय):
हिज़बुल्लाह ने पूर्वी ब्रिगेड 769 की ज़मीनी सेना बटालियन के मुख्यालय को निशाना बनाया। यह मुख्यालय रामिम शिविर में स्थित है। संगठन ने इस पर कई रॉकेट दागे, जिससे वहां भारी नुकसान हुआ। यह हमला अपनी सटीकता और प्रभावशीलता के कारण इज़रायली मीडिया का भी केंद्र बना।
2. सुबह 10:55 बजे:
‘खैबर अभियान’ के तहत, हिज़्बुल्लाह ने “स्टेला मारिस” नामक एक महत्वपूर्ण समुद्री ठिकाने पर हमला किया। यह ठिकाना उत्तरी फिलिस्तीन के तट पर स्थित है और समुद्री निगरानी एवं नियंत्रण के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। लेबनान-फिलिस्तीन सीमा से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित इस ठिकाने को कई रॉकेटों से निशाना बनाया गया।
3. शाम 7:45 बजे:
इसी अभियान के तहत, हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों ने उन्नत रॉकेटों की मदद से कब्जे वाले हाइफा और करमेल क्षेत्रों के विभिन्न सैन्य ठिकानों पर बड़े हमले किए। इनमें निम्नलिखित ठिकाने शामिल थे:
हाइफा तकनीकी बेस: यह ठिकाना इजरायली वायुसेना का हिस्सा है और इसमें वायुसेना तकनीशियनों को प्रशिक्षण देने वाला एक संस्थान शामिल है।
हाइफा समुद्री बेस: यह इजरायली नौसेना का प्रमुख ठिकाना है और इसमें मिसाइल बोट्स और पनडुब्बियों का एक बड़ा बेड़ा स्थित है।
स्टेला मारिस बेस: हाइफा के उत्तर-पश्चिम में स्थित यह सामरिक ठिकाना समुद्री निगरानी और नियंत्रण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
तिरात करमेल बेस: इस ठिकाने में उत्तरी क्षेत्र की एक बटालियन, एक ट्रांसपोर्ट यूनिट और एक समुद्री लॉजिस्टिक बेस शामिल है।
निशेर बेस: पहली बार हिज़बुल्लाह ने इस गैस स्टेशन पर हमला किया, जो इजरायली सेना का स्वामित्व है।
इज़रायली सेना पर बड़े हमले
इज़रायली सेना के रेडियो ने रिपोर्ट दी है कि, हिज़्बुल्लाह ने शनिवार को 150 से अधिक रॉकेट और पांच ड्रोन दागे। ये हमले मुख्य रूप से उत्तरी फिलिस्तीन में स्थित इज़रायली सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किए गए। इन हमलों ने इज़रायली सेना को बड़ा झटका दिया है। हिज़्बुल्लाह ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ये हमले उनकी सैन्य क्षमता और रणनीतिक तैयारी को दर्शाते हैं। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य कब्जाधारियों को यह संदेश देना है कि वे क्षेत्रीय संतुलन के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते।
इज़रायली मीडिया की प्रतिक्रिया
इन हमलों को लेकर ज़ायोनी मीडिया में हलचल मच गई है। मीडिया ने इन हमलों की सटीकता और विनाशकारी प्रभाव को उजागर किया। इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि हिज़्बुल्लाह के इन हमलों ने इज़रायली सेना की क्षमताओं और उनकी सुरक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हिज़्बुल्लाह के इन हमलों ने यह साफ कर दिया है कि प्रतिरोध आंदोलन अपनी शक्ति और रणनीतिक योजना में लगातार प्रगति कर रहा है। इस्लामिक प्रतिरोध ने कब्जाधारियों को यह संदेश दिया है कि किसी भी आक्रामकता का माकूल जवाब दिया जाएगा। यह घटनाक्रम क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीतिक संतुलन पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।