बहरैन के लोकप्रिय नेता तथा सबसे बड़े विपक्षी दल अल विफाक़ के प्रमुख शैख़ सलमान को आले ख़लीफ़ा तानाशाही द्वारा बिना किसी जुर्म के बंदी बनाये हुए 6 साल गुज़र गए हैं अजा एक बार फिर उनकी रिहाई की मांग को लेकर देश के कोने कोने में भरे विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
अल विफाक़ के प्रमुख शैख़ सलमान अली देश में सुधारों के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन चलाने के लिए जाने जाते हैं। बहरैन की तथाकथित संसद में अल विफाक़ के 18 सांसद हैं शैख़ अली सलमान 14 फरवरी क्रान्ति के सूत्रधारों में से एक हैं जो देश में ज़रूरी सुधार की मांग को लेकर लगातार शांतिपूर्ण आंदोलन चलाते रहे हैं। आले खलीफा तनाशाही ने 6 साल पहले उन पर क़तर के लिए जासूसी करने के बेबुनियाद आरोप लगाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।