अवैध कैबिनेट पर राज्यपाल खामोश क्यों हैं?: संजय राउत

अवैध कैबिनेट पर राज्यपाल खामोश क्यों हैं?: संजय राउत

शिवसेना नेता संजय राउत ने मांग की है कि बागी विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फड़नवीस को पदभार ग्रहण किए आधा महीना बीत चुका है, लेकिन अभी तक कैबिनेट का गठन नहीं हुआ।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को पदभार ग्रहण किए 17 दिन बीत चुके हैं, अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है, लेकिन फैसले तेजी से लिए जा रहे हैं। शिवसेना नेता संजय राउत और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की दो सदस्यीय कैबिनेट को अवैध करार दिया है।

संजय राउत ने राज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि राज्यपाल ने अपनी खिड़कियां बंद कर इस अवैध सरकार पर चुप्पी साध रखी है। संजय राउत ने राज्यपाल से मांग की है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। राउत के अनुसार जब तक विधानसभा के बागी सदस्यों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।

इस बीच पुणे के प्रख्यात विद्वान और लेखक प्रोफेसर हरि नारके ने दावा किया है कि दो सदस्यीय कैबिनेट अवैध है। संविधान का जिक्र करते हुए हरि नारके ने कहा कि ”सुप्रीम कोर्ट के आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि सरकार में मुख्यमंत्री समेत बारह मंत्री होने चाहिए। अगर दो मंत्री हों तो काम करने में दिक्कत हो सकती है “और उनके फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि अदालत के फैसले में छोटे राज्य और बड़े राज्य में कोई अंतर नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि “संविधान का अनुच्छेद 164A स्पष्ट रूप से कहता है कि किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री सहित बारह से कम मंत्री नहीं होने चाहिए। इसमें अंग्रेजी शब्द ‘Shall’ का प्रयोग किया गया है, इसका मतलब अनिवार्य है। परंतु सवाल यह है कि क्या राज्य में सिर्फ मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की कैबिनेट हो सकती है?

इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, “पंद्रह दिन से अधिक समय बीत चुका है लेकिन मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया गया है। यह इसकी वैधता पर सवाल उठाता है।” दूसरी ओर राज्यपाल को यह सब नहीं दिख रहा है और वह अपने सारे दरवाजे और खिड़कियां बंद करके बैठे हैं उन्हें दो सदस्यीय अवैध कैबिनेट और लोगों का गुस्सा दोनों हीं नहीं दिख रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और मामले की सुनवाई चल रही है. उधर, भाजपा सांसद और एकनाथ शिंदे सरकार के समर्थक अनिल बोंडे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फरनवीस सिर्फ दो विश्वसनीय नेता हैं, जनकल्याण के कार्य तेजी से हो रहे हैं। बेहतर समय आने पर कैबिनेट विस्तार किया जाएगा।

शिंदे सरकार पर फंड रोकने का आरोप
राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता महेश तापसे ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में राकांपा और कांग्रेस विधायकों के विकास फ़ंड को रोक दिया है. और वह हमारे इन विधायकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं।

महेश तपसे के अनुसार, पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार ने विधानसभा के सभी सदस्यों को उनके निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए 9.5 करोड़ रुपये ‘विकास निधि’ के रूप में स्वीकृत किया था। नए मुख्यमंत्री शिंदे ने शिवसेना विधायकों के लिए यह फंड जारी किया है लेकिन एनसीपी और कांग्रेस विधायकों के लिए इस फंड को रोक दिया है।

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