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पश्चिम बंगाल को मिला था पेगासस खरीदने का प्रस्ताव

पश्चिम बंगाल को मिला था पेगासस खरीदने का प्रस्ताव

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि उनका फोन टैप किया जा रहा है। इस्राईल के कुख्यात स्पाइवेयर पेगासस का उल्लेख करते हुए ममता बनर्जी ने बड़ा खुलासा किया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें भी पेगासस खरीदने का प्रस्ताव मिला था लेकिन हमने यह पेशकश ठुकरा दी थी। पेगासस स्पाइवेयर मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मेरा फोन टैप किया जा रहा है। ममता ने कहा कि हमें भी स्पाइवेयर खरीदने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन हमने इसे ठुकरा दिया था।

ममता बनर्जी ने कहा कि अगर हम कुछ भी बात करते हैं तो उन्हें पता चल जाएगा क्योंकि मेरा फोन टैप किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 3 साल पहले हमें भी पेगासस खरीदने का ऑफर किया गया था लेकिन हमने इसे स्वीकार नहीं किया। हम किसी की निजता में दखल देने या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने में विश्वास नहीं करते, लेकिन भाजपा शासित राज्यों ने पेगासस को खरीद लिया था।

ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में केंद्र सरकार को टक्कर देने के लिए भाजपा विरोधी मोर्चे के गठन के प्रयास में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश केंद्र में सत्ताधारी पार्टी से लड़ने की तैयारी कर रहा है। ममता बनर्जी ने राजनीतिक हिंसा के आरोपों को विपक्ष द्वारा फैलाई गई अफवाह बताते हुए राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य पुलिस की सराहना की।

बता दें कि हाल ही में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के दो पार्षदों की हत्या हुई है। ममता बनर्जी ने इन हत्याओं की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। दोषियों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव और राजनीतिक जुड़ाव को ध्यान में रखे, कार्यवाही की जाएगी।

केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं का केंद्र सरकार द्वारा गलत इस्तेमाल किए जाने पर ममता बनर्जी जमकर आलोचना की। ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा ने देश के 4 राज्यों में जीत हासिल की है लेकिन आगामी राष्ट्रपति चुनाव में आसानी से जीत दर्ज नहीं कर पाएगी क्योंकि पूरे देश में उसके पास कुल विधायकों की संख्या का आधा भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा को बड़ी बातें नहीं करनी चाहिए क्योंकि विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी समाजवादी पार्टी जैसे दल पिछली बार की तुलना में अधिक मजबूत हैं। भाजपा के पास देश के कुल विधायकों में से आधे भी नहीं हैं। विपक्षी दलों के पास देश भर में कहीं अधिक विधायक हैं।

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