हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को तबाह किया, जनता को नुक़सान नहीं पहुंचाया: ईरान
पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में जैश अल-अदल समूह के केंद्र पर “मिसाइल और ड्रोन” से हमले के बाद पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। जहां भारत ने कहा कि ईरान ने अपनी रक्षा में इस हमले को अंजाम दिया। वहीं ईरान ने कहा कि उसने पाकिस्तानी जनता को निशाना नहीं बनाया। हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को तबाह किया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “मंगलवार रात ईरान द्वारा पाकिस्तान की संप्रभुता का बेवजह और खुला उल्लंघन अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का उल्लंघन है। यह अवैध कृत्य पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसका कोई औचित्य नहीं है।
मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान के पास इस “अवैध कृत्य” पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित है और परिणामों की जिम्मेदारी “पूरी तरह से” ईरान की होगी। हमने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है और पाकिस्तान में ईरानी राजदूत को निष्कासित कर दिया है। हमने यह भी फैसला किया है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान और ईरान के बीच चल रही या योजना बनाई गई सभी उच्च स्तरीय यात्राओं को निलंबित कर दिया जाए।”
पाकिस्तान ने “नतीजे” भुगतने की चेतावनी देने के एक दिन बाद, गुरुवार को ईरान में कम से कम दो ठिकानों पर हमला किया। इस संबंध में तमाम मीडिया रिपोर्ट आई हैं। इन मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तान ने कथित तौर पर दो बलूच अलगाववादी समूहों – बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की दो चौकियों पर हमला किया है।
एएफपी न्यूज एजेंसी ने पाकिस्तान खुफिया अधिकारी के हवाले से पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने ईरान के अंदर हमले किए हैं।