Covid-19 की तीसरी लहर से पहले वायरल बुख़ार बड़ी चुनौती, लेकिन सरकारें चुनावों में मस्त
देश की जनता ने अभी जल्द ही Covid-19 की दूसरी लहर का क़हर झेलते हुए जान और माल के भारी नुक़सान का सामना किया है और अब कई राज्यों में डेंगू मलेरिया का प्रकोप जारी है।
केरल निपाह वायरस से जूझ रहा है तो उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में डेंगू, दिल्ली में वायरल बुख़ार तो बिहार में मलेरिया के मरीज़ों की तादाद तेज़ी से बढ़ रही है, हालत यह है कि हॉस्पिटल में मरीज़ों के लिए बेड कम पड़ने का ख़तरा मंडरा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ कुछ प्रदेशों में 95% हॉस्पिटल में बेड भरे हुए हैं, जिनमें 60 से 70% मरीज़ बुख़ार या वायरल के हैं, AIIMS के निदेशक डॉ गुलेरिया ने भी मरीज़ों की तादाद बढ़ने की बात कही है, उन्होंने कहा कि ख़ासकर बच्चों में इंफ्लूएंज़ा वायरस देखने को मिल रहा है।
पूना के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी की एक्सपर्ट डॉ प्रज्ञा यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ ज़िलों में फैले UNKNOWN बुख़ार के मरीज़ों की जीनोम सीक्वेंसिंग में हमारे सामने डेंगू का D2 वेरिएंट मिला है, जो बेहद जानलेवा है, बुख़ार की शिकायत के बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कुछ सैंपल भी हमने मंगवाए हैं।
उत्तर प्रदेश में शनिवार को वायरल बुखार और डेंगू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 58 हो गई, जबकि 100 नए मरीज़ों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया, ऐसे हालात के बाद भी सरकार के रवैये आप देख सकते हैं।
चुनाव के नज़दीक होने के चलते सरकार पूरी तरह से प्रचार प्रसार में लगी है जनता की इन समस्याओं से उसे कोई लेना देना नहीं है, अस्पतालों में बेड ख़ाली नहीं हैं, वायरल, डेंगू के साथ Covid-19 की तीसरी लहर क़हर बरसाने को तैयार है उसके बाद भी कोई ख़ास तैयारी दिखाई नहीं दे रही है।