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उत्तराखंड, हिंदू महिलाओं ने पेश सौहार्द की मिसाल, ईदगाह को दी चार बीघा जमीन

उत्तराखंड, हिंदू महिलाओं ने पेश सौहार्द की मिसाल, ईदगाह को दी चार बीघा जमीन

देश के अलग-अलग भागों में जहां हिंदू धार्मिक उन्माद की खबरें देखने को मिल रही है वहीँ उत्तराखंड में दो हिंदू बहनों ने ईद से ठीक पहले मुस्लिम समुदाय को बड़ा तोहफा देते हुए आपसी सौहार्द की मिसाल देश की है।

हिंदुत्ववादी दलों की ओर से धार्मिक उन्माद फैलते हुए राजनीतिक प्रयोग के तहत देश के अमनो अमान को बिगाड़ा जा रहा है और धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है वहीँ उत्तराखंड के काशीपुर में दो हिंदू महिलाओं ने आपसी सौहार्द की मिसाल पेश की है।

जब देश के विभिन्न भागों में छोटी-छोटी बातों पर दो समुदाय आमने सामने आ रहे हैं ऐसे में काशीपुर से आ रही यह खबर सुकून देती प्रतीत हो रही है।

काशीपुर की हिंदू बहनों ने अपने दिवंगत पिता की इच्छा के अनुसार ईदगाह के विस्तारीकरण के लिए लगभग 4 बीघा ज़मीन दान कर दी है। यह दोनों बहनों विवाहित हैं तथा उनके परिवार के सदस्यों ने काशीपुर पहुंचकर ईदगाह समिति को जमीन का कब्जा दे दिया है।

ईदगाह को दी गई जमीन का बाजार भाव डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक बताया जा रहा है । कमेटी ने बुनियाद खुदवाकर बॉउंड्री बनवाने का काम शुरू कर दिया है। बता दें कि काशीपुर के ईदगाह मैदान के पास दिवंगत लाला ब्रजनंदन प्रसाद रस्तोगी के परिवार की कृषि भूमि है जिसका लगा 4 बीघा का क्षेत्र ईदगाह से लगा हुआ है।

लाला ब्रजनंदन रस्तोगी का मुस्लिम समुदाय के साथ उठना बैठना था । उनके ईदगाह समिति के पदाधिकारियों के साथ अच्छे संबंध थे । यह जमीन ईदगाह को मिल जाए तो ईदगाह का स्वरूप आयताकार हो जाता। वह इच्छुक थे कि अपने जीवन में ही यह भूमि ईदगाह को दान कर दी जाए लेकिन जमीन का यह टुकड़ा उनकी बेटियों सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी के नाम पर था।

ब्रजनंदन रस्तोगी की दोनों बेटियां विवाहित हैं और वह दिल्ली और मेरठ में निवास करती हैं। रस्तोगी चाहकर भी यह मीन ईदगाह को नहीं दे सकते थे। उन्होंने अपनी इस इच्छा का उल्लेख पूर्व सांसद सत्येंद्र चंद्र गुड़िया से जरूर किया था। रस्तोगी हर साल ईदगाह के लिए चंदा देते थे तथा ने माध्यमों से भी ईदगाह की मदद करते थे।

सरोज और अनीता रस्तोगी को अपने दिवंगत पिता की इच्छा के बारे में खबर लगी तो उन्होंने इसे पूरा करने का संकल्प लिया और उपरोक्त भूमि ईदगाह को दान कर दी।

सरोज के पति सुरेन्द्रवीर रस्तोगी और बेटे विव्हवीर रस्तोगी के साथ ही अनीता के बेटे अभिषेक रस्तोगी रविवार को काशीपुर पहुंचे जहाँ ईदगाह समिति के पदाधिकारियों समेत क्षेत्रीय लेखपाल और सामाजिक कार्यकर्ताओं के सामने ज़मीन की पैमाइश की गयी और उपरोक्त भूमि ईदगाह समिति को सौंप दी गयी।

 

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