सरकार बनाने के लिए बीजेपी निर्दलीय सांसदों और छोटे-छोटे दलों को साधने में जुटी
लोकसभा चुनाव के परिणाम 4 जून को आ चुके हैं। बीजेपी 240 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है लेकिन अपने दम पर सरकार बनाने से काफी दूर है। हालांकि, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास 293 हैं, जिसने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना है। वो 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
बीजेपी को संख्या बल को लेकर कोई खतरा नहीं। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, 9 निर्दलीयों सांसदों ने एनडीए को समर्थन देने के लिए हामी भरी है। टीडीपी और जेडीयू को मैनेज करना थोडी मुश्किल भी और जरूरी भी है। टीडीपी राज्य पर ध्यान देना चाहती है लिहाजा केंद्र सरकार से वित्तीय मदद उसकी प्राथमिकता हो सकती है।
जेडीएस और एलजेपी ( रामविलास) ने कोई बड़ी मांग नहीं की है। बताया जा रहा है कि बीजेपी और RSS के नेताओं की बात हो चुकी है। सारे टॉप मंत्रालय बीजेपी के पास रहेंगें। बीजेपी सहयोगियों को टॉप मंत्रालय नहीं देगी।
इधर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।16 सीटें लाने वाली पार्टी TDP के मुखिया चंद्रबाबू नायडू एक बार पहले भी BJP का साथ छोड़ चुके हैं, जबकि 12 सीटें लाने वाली पार्टी JDU के मुखिया नीतीश कुमार का पाला बदलने का रिकॉर्ड ही रहा है। इसीलिए बहुमत का आंकड़ा पार करने के लिए बीजेपी निर्दलीय सांसदों और छोटे छोटे दलों को अपने पाले में लाने में जुट गई है।
नीतीश और नायडू, दोनों ही ने NDA का साथ नहीं छोड़ने की बात कही है, लेकिन राजनीति, संभावनाओं और संकेतों पर चलती है। NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि नायडू ने BJP के सामने कुछ मांगें रखी हैं। उन्हें लोकसभा स्पीकर की कुर्सी और 5 मंत्री पद चाहिए।
वहीं नीतीश की ओर ने भी बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और 3 मंत्रालयों की मांग रख दी है। अब आगे क्या होगा, कहा नहीं जा सकता. फ्लाइट में तेजस्वी संग तस्वीर वायरल होना और तेजस्वी का गोलमोल बयान पर भी सबकी नजर है।