तिरुपति भगदड़ मामला: पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की
तिरूपति में वैकुंठ एकादशी समारोह के दौरान कई भक्तों की मौत के बाद तिरुपति पूर्व पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। 8 जनवरी को आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार देर रात 9:30 बजे वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक महिला समेत 6 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए हैं। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है।
इस घटना के बाद चंद्रबाबू नायडू की सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष ने इसे प्रशासनिक विफलता बताया। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने फोन पर उच्च अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली और घटनास्थल पर जाकर राहत उपाय करने का आदेश दिया है, ताकि घायलों को बेहतर उपचार मिल सके। वे गुरुवार को तिरुपति जाकर घायलों से मिलेंगे।
ट्रस्ट के सदस्य भानु प्रकाश ने बताया कि टिकट के लिए 91 काउंटर खोले गए थे। काउंटर के पास 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु लाइन में खड़े थे। उन्हें बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार लगाने को कहा गया। आगे जाने की होड़ में अफरा-तफरी मची और भागने के दौरान लोग एक-दूसरे पर चढ़ गए। हादसे में मल्लिका नामक महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। घटना का कारण भीड़भाड़ और पीड़िता के स्वास्थ्य को बताया जा रहा है। घटना की जानकारी पाकर मृतक के परिजन अस्पताल पहुंचे। शिकायतकर्ता श्रीनिवासुलु ने अपनी शिकायत में कहा, जब अन्य श्रद्धालु कतार की तरफ दौड़े तभी पीड़िता की तबीयत खराब होने लगी थी।
दूसरी एफआईआर, नारायणवनम मंडल के 61 वर्षीय तहसीलदार एम. जयारामुलु द्वारा दर्ज कराई गई, जिसमें पांच अन्य भक्तों की मौत की जानकारी दी गई है। पीड़ितों में कांदिपिलि सांथी, गुडला रजनी, बोड्डेती नायडू बाबू, सूरी सेट्टी लावण्या स्वाथी और निर्मला का नाम शामिल है। शिकायत के अनुसार, पीड़ित रामानायडू स्कूल के पासपद्मावति पार्क में दर्शन टोकन का इंतजार कर रहे थे। कतार में अचानक धक्कामुक्की के कारण वे गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने इस हादसे पर दुख जताया है।