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गहलोत-पायलट गुट को खुश करने के लिए पार्टी आलाकमान ने सारी शर्तें मंज़ूर कीं

गहलोत-पायलट गुट को खुश करने के लिए पार्टी आलाकमान ने सारी शर्तें मंज़ूर कीं

राजस्थान में चुनाव से समय गहलोत औऱ पायलट के बीच सुलह हो गई है। लेकिन अंदरुनी तौर पर खटास बरकरार है। यही वजह है कि प्रियंका गांधी की जनसभा के बाद भी कांग्रेस की लिस्ट जारी नहीं हुई थी। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी की जनसभा के बाद पहली सूची आ जाएगी। क्योंकि सब कुछ फाइनल हो गया है। लेकिन कुछ सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है जिसके कारण पहली सूची थोड़ी देर से आई।

राजस्थान विधान सभा चुनाव में दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस ने एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया है। राजस्थान चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस आलाकमान बेहद गंभीर है। यही वजह है कि गहलोत-पायलट गुट को खुश करने के लिए पार्टी आलाकमान ने हर शर्ते मान ली है। अब तक जो संकेत मिले हैं उसके मुताबिक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों औऱ निर्दलीय विधायकों के टिकट कंफर्म है।

सीएम गहलोत कहते रहे हैं कि जिन विधायकों ने उनकी सरकार बचाई थी। वे हमेशा उनके ऋणी रहेंगे। हमारे विधायक 10-10 करोड़ रुपये के लालच में नहीं आए है। जबकि दूसरी तरफ पायलट के साथ गुड़गांव में कैंप करने वाले विधायकों को भी टिकट मिलने के आसार हैं।

सियासी जानकारों का कहना है कि दोनों ही नेताओं से जुड़े विधायकों के खिलाफ जबर्दस्त एंटी इंकमबेंसी है। स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा है। इसके बावजूद कांग्रेस आलाकमान ने उनके नाम की हरी झंडी दे ही है। हालांकि, दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद ही सही तस्वीर सामने आ पाएगी। लेकिन पहली लिस्ट से मिले संकेतों के अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, गहलोत-पायलट को नाराज भी नहीं करना चाहते हैं।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार फिर पेच फंसा दिया है। सीएम गहलोत ने संकेत दिए है कि चौथी बार भी वहीं सीएम बनेंगे। सियासी जानकार गहलोत का निशाना कहीं और नजरें कहीं वाला दांव मान रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होती है तो एक बार मुख्यमंत्री को लेकर बवाल कटेगा।

अशोक गहलोत के अब तक संकेतों से तो यही लगता है कि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के निर्णय से पीछे नहीं हटेंगे। जबकि सचिन पायलट (Sachin Pilot) मुख्यमंत्री पद से किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते हैं। पायलट ने साफ कह दिया है कि सीएम कौन बनेगा, इसका निर्णय लीडरशिप करेगी।

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