काला धन लाने का वायदा कर सत्ता में आई सरकार, अपना ही डेटा छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में खड़ी है: राहुल गांधी

काला धन लाने का वायदा कर सत्ता में आई सरकार, अपना ही डेटा छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में खड़ी है: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड केस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर निशाना साधते हुए वार किया है। जिसमें उन्होंने सोमवार को दावा किया है कि पीएम मोदी के चंदे के धंधे की पोल खुलने वाली है। इस केस में एनडीए सरकार अपने ही बैंक का ब्यौरा छिपाने के लिए शीर्ष कोर्ट में सिर के बल खड़ी है।

भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है, जो भ्रष्ट उद्योगपतियों और सरकार के नेक्सस की पोल खोल कर नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देश के सामने लेकर आएगा। उन्होंने आगे कहा कि क्रोनोलॉजी स्पष्ट है – चंदा दो- धंधा लो, चंदा दो- प्रोटेक्शन लो! चंदा देने वालों पर कृपा की बौछार और आम जनता पर टैक्स की मार, यही है बीजेपी की मोदी सरकार।

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह टिप्पणी ऐसे समय की, जब कुछ ही देर पहले एसबीआई बैंक को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। शीर्ष अदालत में न सिर्फ एसबीआई की चुनावी बॉन्ड केस में समय अवधि बढ़ाए जाने की गुजारिश वाली याचिका खारिज कर दी बल्कि उसकी जमकर फटकार के साथ कड़ी चेतावनी भी दी है।

उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने चुनावी बॉण्ड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के लिए समयसीमा बढ़ाए जाने का अनुरोध करने वाली भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की याचिका सोमवार को खारिज कर दी और उसे 12 मार्च को कामकाजी घंटे समाप्त होने तक निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड संबंधी विवरण उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए X पोस्ट में लिखा- इलेक्टोरल बॉन्ड प्रकाशित करने के लिए SBI द्वारा साढ़े चार महीनें माँगने के बाद साफ़ हो गया था कि मोदी सरकार अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रही है। आज के माननीय सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से देश को जल्द इलेक्टोरल बॉन्ड से भाजपा के चंदा देने वालों की लिस्ट पता चलेगी।

खड़गे ने आगे कहा कि मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, घपलों और लेन-देन की कलई खुलने की ये पहली सीढ़ी है। अब भी देश को ये नहीं पता चलेगा कि भाजपा के चुनिंदा पूँजीपति चंदाधारक किस-किस ठेके के लिए मोदी सरकार को चंदा देते थे, उसके लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट को उचित निर्देष देने चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स से ये तो उजागर हुआ ही है कि भाजपा किस तरह ED-CBI-IT रेड डलवाकर जबरन चंदा वसूलती थी। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पारदर्शिता, जवाबदेही, और लोकतंत्र में बराबरी के मौक़े की जीत है।

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