सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं माना है कि राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनी थी: मदनी

सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं माना है कि राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनी थी: मदनी

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य के बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि जो मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई जाए वह हमें स्वीकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भी साबित हो गया था कि अयोध्या में मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई थी, लेकिन अब मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आस्था की बुनियाद पर यह फैसला दिया गया था। अरशद मदनी ने कहा क‍ि जो इल्जाम बाबर पर लगे थे कि उसने राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बना ली, आज वही इल्जाम मौजूदा लोगों पर लग गए हैं कि उन्होंने मस्जिद तोड़कर राम मंदिर बना लिया। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद बाबर तो इस इल्जाम से बरी हो गया।

देश में सांप्रदायिकता को लेकर आगाह करते हुए मदनी ने कहा कि सांप्रदायिकता फैलाने वाली ताकतें देश में सब कुछ बर्बाद करने में लगी हैं। आप दुनिया में कहीं भी जाए और देखें कि लोग किस तरह से रहते हैं। हमारे देश में हर जगह एक ही सूरत के लोग रहते हैं. आप कहीं भी चले जाएं भारत में हर राज्य के लोग एक ही जैसे हैं। सांप्रदायिक शक्तियां देश की जड़ों को खोखला करने में लगी हैं।

सांप्रदायिक सद्भावना बनाए रखने की बात करते हुए मदनी ने कहा, “हम कहते थे कि जब पिछले 1300 सालों से हम हिंदू-मुस्लिम एक साथ यहां पर रहते आए हैं तो अब कौन सी ऐसी बात हो गई कि हम यहां से अलग हो जाएं। हमारे पूर्वज इसी देश में रहे और यहीं पर दफन हो गए। हमने तय किया है कि मुल्क नफरत और दुश्मनी से नहीं चलेगा।” उन्होंने आगे कहा कि हमारी इस बैठक का पैगाम प्यार मोहब्बत और आपसी भाईचारा बनाए रखने का है। हमारा कोई राजनीतिक मैसेज नहीं है। ना ही हम चुनाव लड़ते हैं और ना चुनाव लड़वाते हैं।

हलाल प्रोडक्ट पर मदनी ने कहा कि यूपी में एक भी हलाल सर्टिफाइड मरकज नहीं है। अगर कहीं पर है तो हमें बताएं। हम सियासी दलों को भी पैगाम (संदेश) देना चाहते हैं। चाहे वे सत्ता में हों या नहीं कि वे प्यार-मोहब्बत का ही प्रचार करें, नफरत और दूरी का नहीं। मुल्क की भलाई इसी में है। उन्होंने मुसलमानों को मुल्क की मौजूदा सूरते-हाल में संयम से काम लेने की हिदायत दी।

लव जिहाद’ का जिक्र करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि उन्होंने 80 साल तक यह शब्द नहीं सुना था और दावा किया कि यह उन्हीं लोगों का ईजाद (गढ़ा) किया हुआ शब्द है, जो खुद मुल्क के अंदर नफरत पैदा करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि हम मुसलमानों से कहते हैं कि अपनी बच्चियों के लिए ज्यादा से ज्यादा तादाद में अलग स्कूल खोलो, ताकि मुसलमानों पर ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाकर इसकी आड़ में उनकी बेटियों के साथ गलत करने की कोशिश करने वाले लोगों को रोका जा सके।

मदरसों की जांच पर अरशद मदनी ने कहा कि जो मदरसे सरकारी पैसा खा रहे हैं, उनकी जांच हो रही है। अगर कहीं से भी विदेश से फंडिंग हो रही है, तो इसका सबूत दिया जाना चाहिए। हमारे हिंदुस्तान में पैसे की कोई कमी नहीं है और सारी फंडिंग यहीं से हो रही है

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