सोरेन ने ईडी के समन पर पेश होने से पहले पार्टी और सहयोगी दलों के साथ की बैठक

सोरेन ने ईडी के समन पर पेश होने से पहले पार्टी और सहयोगी दलों के साथ की बैठक

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकते ही झारखंड में सियासी पारा तेजी से चढ़ रहा है। ईडी ने पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को 10वां समन जारी किया है और बुधवार 31 जनवरी को पेश होने का निर्देश दिया है। सूत्रों का कहना है कि इस बार वह ईडी का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और उनकी गिरफ्तारी की आशंका ने राज्य की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर दी है। अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो इंडिया अलायंस में विपक्ष का एक और नेता ईडी की गिरफ्त में आ जाएगा। उन पर इस्तीफे का भी दबाव है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के अनुसार, मंगलवार दोपहर को हेमंत सोरेन के आवास पर झामुमो. कांग्रेस-आरजेडी विधायकों और अन्य पदाधिकारियों ने अहम बैठक की जिसमें राज्य की मौजूदा परिस्थितियों और सोरेन की रणनीति पर विचार किया गया। इसमें हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने के विकल्प पर भी चर्चा हुई, लेकिन क्या तय हुआ है, इसका खुलासा नहीं हुआ है। इस संबंध में जेएमएम महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने कहा, ”निशिकांत दुबे से कहिए कि ट्वीट करते रहें, चुनाव में लोग उन्हें रिट्वीट करेंगे।

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन न अजित पवार हैं, न नीतीश कुमार हैं और न ही हेमंत बिस्वा शर्मा हैं। वे वीर शिबू सोरेन के बेटे हैं और वह जानते हैं कि भ्रष्ट लोगों और तानाशाहों के खिलाफ कैसे लड़ना है। याद रहे कि इससे पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि विधायक सीता सोरेन और विधायक बसंत सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री मानने से इनकार कर दिया है। दुबे ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की है।

सोरेन के कथित तौर पर लापता होने के बाद उत्पन्न राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर राज्य के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह ने कहा कि राज्यपाल राधाकृष्णन ने यहां राजभवन में मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अविनाश कुमार और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और कानून व्यवस्था की स्थिति पर विशेष रूप से चर्चा की।

हालात को देखते हुए राज्य भर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं. ऐसी भी खबरें हैं कि रांची और आसपास के इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है क्योंकि सोरेन की पार्टी जेएमएम के हजारों कार्यकर्ता रांची में उनके आवास के आसपास मौजूद हैं।

सोरेन के गायब रहने और सिर्फ बैठकों में व्यस्त रहने की खबर से विपक्षी पार्टी बीजेपी को उन्हें बदनाम करने का मौका मिल गया। इसीलिए झारखंड के मुख्यमंत्री राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि (30 जनवरी) पर मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे और कहा कि वे कहीं भागे नहीं हैं, बल्कि जिन्होंने सरकार गिराने की कोशिश की, वे उन्हें मुंह तोड़ जवाब देंगे।

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