इलेक्टोरल बॉन्ड मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन होना चाहिए: सिब्बल

दिल्ली। चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया डाटा सार्वजनिक कर दिया है। इस पर शुक्रवार को राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि, इस मामले में भी मामले की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने किस पार्टी को कितना फंड मिला है इस बात को जांच का विषय बताया है।

शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, कपिल सिबब्ल ने कहा कि ‘चुनावी बांड के मुद्दे की जांच किसी भी जांच एजेंसी द्वारा नहीं की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि “ईडी और सीबीआई अभी सो रहे हैं। अगर यह बात विपक्ष के खिलाफ होती तो सरकार द्वारा कार्रवाई जरूर होती।

कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि ‘सरकार ने नींद की गोलियों का ओवरडोज ले लिया है।’ इसके साथ ही सिब्बल ने इशारों इशारों में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि  ‘किसी ने कहा था कि वे स्विस बैंक से काला धन लाएंगे और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये ट्रांसफर करेंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने वह पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया है।

सिब्बल ने आगे कहा कि ‘देश में जो दो बड़े घोटाले हुए हैं, उनमें पहला नोटबंदी और दूसरा घोटाला चुनावी बांड का है। जैसे 2जी मामले में कोर्ट ने एसआईटी बनाई थी, वैसे ही इस मामले में भी जांच के लिए एसआईटी गठित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘ जांच में बहुत कमियां हैं। ये भी जांच होनी चाहिए कि पीएम केयर्स में किसने दान दिया। यह भी जांच का विषय है कि किस पार्टी को कितना फंड मिला।’

दरअसल बीते दिन गुरुवार को चुनाव आयोग ने SBI द्वारा दिए गए डाटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इसमें ECI ने दो फाइल्स सार्वजनिक की है जिसमें पहली सूची में बताया गया है की किस पार्टी को कब कितना चंदा मिला।

वहीं दूसरी फाइल में बताया गया है कि, किस कंपनी, फर्म या व्यक्ति ने कितना चंदा दिया है। चुनाव आयोग द्वारा संयुक्त रूप से 763 पन्नों की रिपोर्ट जारी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक 22 हजार 217 इलेक्टोरल बांड जारी हुए हैं।

इस बीच, भारत के चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों से पता चला है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज, जिसके निदेशक लॉटरी मैग्नेट सैंटियागो मार्टिन चुनावी बांड के शीर्ष खरीदार हैं। उन्होंने 1368 करोड़ रुपये के बांड खरीदे हैं।

यह डेटा 2019-2024 की अवधि से संबंधित है। मेघा इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) एक प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जिसका मुख्यालय हैदराबाद, भारत में है।

अधिकांश प्रमुख राजनीतिक दल इस योजना के लाभार्थी रहे हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, तृणमूल कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), शिव सेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बीजू जनता दल (बीजेडी), आम आदमी पार्टी और जन सेना पार्टी।

इससे पहले गुरुवार को, चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर चुनावी बांड पर डेटा अपलोड किया था, जो राजनीतिक दलों को शीर्ष दानदाताओं में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ एसबीआई से प्राप्त हुआ था।

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