अजित पवार से गुप्त मुलाकात पर शरद पवार ने दी अपनी प्रतिक्रिया
मुंबई: एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को दोहराया कि उनकी पार्टी का भाजपा के साथ हाथ मिलाने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि यह एनसीपी की राष्ट्रीय गठबंधन नीति के अनुरूप नहीं है।
83 वर्षीय राकांपा प्रमुख ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनके समूह से कोई भी भाजपा के साथ नहीं जाएगा, इस संबंध में उन्होंने सभी अटकलों को खारिज कर दिया। पवार ने घोषणा की, “हमारे कुछ सहयोगियों ने इस मुद्दे पर एक अलग दृष्टिकोण अपनाया है।” हमारे शुभचिंतक ऐसे प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मैं एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर कहता हूं कि एनसीपी, बीजेपी के साथ नहीं जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के एक रिश्तेदार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भाजपा में शामिल होने के लिए नोटिस दिया था। शरद पवार ने कहा कि एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। पाटिल पर दबाव बनाने के लिए उनके रिश्तेदार को ईडी का नोटिस भेजा गया है।’
राकांपा नेता का बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने और पाटिल ने पिछले सप्ताहांत में राकांपा (एपी) नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ अलग-अलग बैठकें कीं, जिससे राजनीतिक अटकलें तेज हो गईं थीं।
राकांपा प्रमुख का कहना है कि अजित उनके भतीजे हैं और वह परिवार के मुखिया के रूप में उनसे मिले और मैं नहीं समझता कि मीडिया में इस तरह की मुलाक़ातों को निराधार चर्चा का विषय बनाना चाहिए। बैठकों पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। संजय राउत ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ मिल सकते हैं तो शरद पवार और अजित पवार क्यों नहीं मिल सकते?
हालांकि, शरद पवार ने स्पष्ट कर दिया है कि एमवीए गठबंधन एकजुट है और उसकी साथी पार्टियां कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच गलतफहमी का कोई कारण नहीं है, क्योंकि उसकी विचारधारा भाजपा के खिलाफ है।