सांप्रदायिक ताकतों से लड़ना ज़रूरी: डी.के. शिवकुमार

सांप्रदायिक ताकतों से लड़ना ज़रूरी: डी.के. शिवकुमार

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा समय में सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ युद्ध छेड़ने की जरूरत है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) कार्यालय परिसर में ध्वजारोहण समारोह में भाग लेने के बाद बेंगलुरु में बोलते हुए, शिवकुमार ने कहा: “देश में धर्म, जाति और पंथ के आधार पर जहर के बीज बोए जा रहे हैं, जबकि अहिंसा, शांति, सहिष्णुता और भाईचारे के लिए आजादी की एक और लड़ाई छेड़ने की जरूरत है। समकालीन संघर्ष सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ना है।”

उन्होंने यह भी कलह कि केवल “झंडा फहराने और राष्ट्रगान गाने के बाद हम चुपचाप नहीं बैठ सकते। हम जानते हैं कि इस देश में आज़ादी का क्या हुआ। शिवकुमार ने कहा, “मणिपुर राज्य में नरसंहार, हरियाणा में सांप्रदायिक संघर्ष और उत्तर प्रदेश में लिंचिंग की घटनाएं इस तथ्य का प्रमाण देती हैं कि देश में आजादी को कौन कुचल रहा है।

शिवकुमार ने कहा कि देश पहले कांग्रेस पार्टी के तहत एकजुट था और वर्तमान में, देश विपक्षी गठबंधन इंडिया के तहत एक हो रहा है। उन्होंने कहा, “कर्नाटक अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाला पहला राज्य था। कर्नाटक में, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए मंच प्रदान किया, इंडिया ने भी आकार लिया है।

वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को लोगों से ‘सच्चे स्वतंत्रता सेनानियों को अपमानित’ करने वालों से सावधान रहने को कहा और उन्हें ब्रिटिश एजेंट बताया। उन्होंने कहा कि ये वो लोग हैं, जिन्होंने कर्नाटक के स्वतंत्रता सेनानी संगोल्ली रायन्ना को अंग्रेजों को सौंप दिया था और अब भी अंग्रेजों के एजेंट हैं। वे हमारे सच्चे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करते हैं।

सिद्दारमैया ने कहा कि 15 अगस्त देश का स्वतंत्रता दिवस है। इस दिन शहीद सांगोली रायन्ना का जन्मदिन भी है। स्वतंत्रता सेनानी सांगोली रायन्ना की भी यही आकांक्षा थी। 15 अगस्त रायन्ना का जन्मदिन है, जबकि 26 जनवरी वह दिन है, जब अंग्रेजों ने रायन्ना को फांसी दी थी। ये दोनों दिन देश के इतिहास में महत्वपूर्ण दिन हैं।

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