बग़दाद, अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट हमले, स्कूल भी ज़द में आया

बग़दाद, अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट हमले, स्कूल भी ज़द में आया इराक़ की राजधानी बग़दाद में मौजूद अमेरिकी दूतावास को रॉकेट हमले का निशाना बनाया गया है।

बगदाद के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि जिन इलाक़ों को निशाना बनाया गया था उन इलाक़ों में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों के घर बनाये गए हैं। अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर इन अधिकारियों ने बताया कि तीन रॉकेट अमेरिकी एंबेसी के इलाक़े में गिरे जबकि एक रॉकेट रिहायशी इलाक़े के निकट मौजूद स्कूल पर गिरा।

इराक़ की मिलिट्री की ओर से जारी होने वाले बयान में कहा गया कि रॉकेट से होने वाले इस हमले में एक युवती और एक महिला ज़ख्मी हुए हैं। विशेष जानकारी तो नहीं मिली हां यह ज़रुर बताया गया कि रॉकेट बग़दाद के क़रीब डोरा से दाग़े गए थे।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने सुना है कि दूतावास के C-RAM डिफेंस सिस्टम ने इन मिसाइलों के बारे में सही वक्त पर पता लगा लिया और इन्हें नष्ट कर दिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल बग़दाद में अमेरिकी दूतावास पर यह पहला हमला है। बीते गुरुवार को सीरिया और इराक में अमेरिकी सैनिकों पर एक के बाद एक कई हमले हुए थे। इराक़ी मिलिट्री बेस में मौजूद अमेरिकी सैनिकों पर रॉकेट से भी हमला किया गया था।

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि ईरान के मेजर जनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या करने के बाद अमेरिकी इराक़ और मिडिल ईस्ट के दूसरे इलाक़ों में लगातार भय में ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। वजह भी साफ़ है क्योंकि क़ासिम सुलैमानी ने मिडिल ईस्ट के लिए बहुत मेहनत की और अमेरिकी षडयंत्रों को नाकाम किया है।

यही वजह है कि अमेरीका क़ासिम सुलैमानी को टार्गेट करने की लगातार कोशिश में था और जबसे इराक की आधिकारिक यात्रा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों का हनन करते हुए उनकी हत्या की तबसे उसे सुकून नहीं है। अमेरिका ने सोचा था कि मेजर जनरल को मार कर अपनी साज़िशों और बुरे इरादों को पूरा कर लेगा लेकिन क़ासिम सुलैमानी के बाद उनकी मेहनत को मिडिल ईस्ट के कई देशों ने समझा है जिसके बाद से अमेरिका ख़ुद परेशान और बौखलाया हुआ है।

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