हिंडनबर्ग मामले में गौतम अडानी को राहत, सुप्रीम कोर्ट का SIT जांच से इनकार

हिंडनबर्ग मामले में गौतम अडानी को राहत, सुप्रीम कोर्ट का SIT जांच से इनकार

अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गौतम अडानी को बड़ी राहत दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने SIT जांच को ख़ारिज करते हुए सेबी की जांच पर भरोसा जताया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अडानी समूह के खिलाफ अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया।

अडानी-हिंडनबर्ग मामले में कोर्ट ने कहा कि सेबी की जांच में एफपीआई नियमों से जुड़ी कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीमित अधिकार हैं जिनके बेस पर जांच की गई है। सेबी के रेगुलेटरी ढांचे में प्रवेश करने की इस कोर्ट की शक्ति सीमित है यानी अदालत सेबी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा। कोर्ट ने ये भी कहा कि सेबी के जांच नियमों में कोई खामी नहीं है और सेबी की बजाए एसआईटी को इस मामले की जांच नहीं सौपी जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह रेगुलेटर व्यवस्था के क्षेत्र में दखल नहीं दे सकता है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट या ऐसी कोई भी चीज अलग जांच के आदेश का आधार नहीं बन सकती है। सेबी आगे बढ़ेगी और कानून के मुताबिक अपनी जांच जारी रखेगी। शीर्ष अदालत ने सेबी को तीन महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का आदेश देते हुए कहा कि यह दिखाने के लिए कोई मेटिरियल नहीं है कि सेबी कदम उठाने में उदासीन था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अहम टिप्पणी में कहा है कि केवल मीडिया रिपोर्ट्स या खबरों-प्रकाशन के आधार पर ही भरोसा नही किया जा सकता है। एसआईटी को अडानी मामला ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं मिला है। कोर्ट को अपनी तरफ से निगाह रखने वाली किसी जांच समिति को केस स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं मिली है।

क्या है मामलाः
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सेबी जो अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहा था, उसने अडानी समूह के नियामक उल्लंघनों और बाजार में हेरफेर के लिए एक ढाल दी। सुप्रीम कोर्ट ने तब सेबी को मामले की स्वतंत्र रूप से जांच करने को कहा था। भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पहले भी सेबी पर लगे आरोपों पर असंतोष जताया था। चीफ जस्टिस ने कहा था- “सेबी एक वैधानिक निकाय है जिसे विशेष रूप से शेयर बाजार में हेरफेर की जांच करने का काम सौंपा गया है। क्या बिना किसी उचित सामग्री के एक अदालत के लिए यह कहना उचित है कि हमें सेबी पर भरोसा नहीं है और हम अपनी खुद की एसआईटी बनाएंगे?” सीजेआई ने यह टिप्पणी याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण के सामने की थी।

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