राहुल, सावरकर और बाल ठाकरे के बारे में दो शब्द बोल कर दिखाएं: अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और उन्हें सावरकर और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की तारीफ करने की चुनौती दी। शाह ने हिंगोली में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि “महाविकास अघाड़ी झूठों की फौज है। राहुल गांधी अपने दोस्त उद्धव ठाकरे के पिता बाल ठाकरे की तारीफ करें। उद्धव जी, अगर आपमें हिम्मत है तो राहुल से कहें कि वे सावरकर और बाल ठाकरे के बारे में दो अच्छे शब्द बोलें।”
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के आगामी चुनाव यह तय करेंगे कि राज्य अगले पांच साल के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत पर चलेगा या औरंगज़ेब के रास्ते पर। शाह ने कहा, “चुनाव यह तय करेगा कि महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज और सावरकर के रास्ते पर चलता है या औरंगज़ेब के रास्ते पर। हमारे गठबंधन ने बिना किसी हिचकिचाहट के शिवाजी और सावरकर की विरासत को चुना है, जबकि महाविकास अघाड़ी ऐसा लगता है जैसे औरंगज़ेब फैन क्लब हो।”
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर निर्माण और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पुनर्निर्माण का उल्लेख किया, जिसे औरंगज़ेब ने नष्ट कर दिया था। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना बार-बार क्रैश होने वाले विमान से करते हुए उनका मजाक उड़ाया। शाह ने कहा, “सोनिया गांधी ने राहुल गांधी नामक विमान को 20 बार लैंड करने की कोशिश की और 20 बार वह गिरकर तबाह हो गया। महाराष्ट्र में सोनिया गांधी यह नोट कर लें कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में आपका राहुल विमान एक बार फिर गिरकर तबाह हो जाएगा।”
अमित शाह का यह बयान भाजपा की हिंदुत्व विचारधारा को मजबूती देने और महाविकास अघाड़ी के भीतर के मतभेदों को उजागर करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बाल ठाकरे और सावरकर की तारीफ करने की चुनौती देकर उन्होंने शिवसेना (उद्धव गुट) को उनके हिंदुत्व विचारधारा वाले समर्थकों के सामने असमंजस में डालने की कोशिश की है। वहीं, सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस पहले से ही असहज रही है, क्योंकि राहुल गांधी ने कई बार सावरकर पर आलोचनात्मक टिप्पणियां की हैं।
यह स्पष्ट है कि भाजपा आगामी महाराष्ट्र चुनाव में सावरकर, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदुत्व को प्रमुख मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। शाह के भाषण से भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि महाविकास अघाड़ी की नीतियां और उनके नेता राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के विपरीत हैं।