प्रोफ़ेसर विलायत, मानव शक्ति को दूसरे मनुष्य में स्थानांतरित करने पर कर रहे हैं शोध

प्रोफ़ेसर विलायत, मानव शक्ति को दूसरे मनुष्य में स्थानांतरित करने पर कर रहे हैं शोध वैज्ञानिक युग है और आए दिन टेक्नोलॉजी के नए-नए करिश्मे सामने आ रहे हैं।

प्रोफेसर विलायत हुसैन रिजवी भी ऐसी ही एक अनोखी खोज में लगे हुए हैं। अगर उनका शोध सफल रहा तो तकनीक और विज्ञान की दुनिया में हलचल मच जाएगी। सृष्टि की रचना ऊपर वाले ने की है लेकिन अपनी नई नई खोज और अनोखी प्रतिभा से इंसान भी दुनिया को हैरत में डालता रहा है।

प्रोफेसर विलायत हुसैन रिजवी भी एक ऐसी ही अनोखी खोज में लगे हुए हैं। वह मानव शक्ति को दूसरे मनुष्य में स्थानांतरित करने की खोज में जुटे हुए हैं। अगर उन्हें अपने शोध में कामयाबी मिली तो यह विज्ञान की दुनिया में एक क्रांतिकारी कदम होगा।

इस संबंध में प्रोफेसर विलायत हुसैन रिजवी ने कहा कि वह उस वक्त काफी सोच विचार में पड़ गए जब कई वर्षों पहले एक ऐसा आविष्कार हुआ जिसके माध्यम से एक मोबाइल बैटरी से दूसरे मोबाइल बैटरी में चार्ज ट्रांसफर किया जा सकता था। उनका कहना है कि ऐसी प्लीकेशन बनाई गई है जिसके माध्यम से जब किसी मोबाइल फोन या किसी अन्य मशीन का चार्ज खत्म होगा तो इस ऐप के माध्यम से एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में चार्ज को ट्रांसफर किया जा सकता है।

प्रोफ़ेसर रिज़वी के अनुसार इस अविष्कार से वह यह सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या किसी एक इंसान के जिस्म की शक्ति को भी किसी अन्य इंसान के शरीर में ट्रांसफर किया जा सकता है या नहीं। क्या एक कमजोर व्यक्ति को इस तरह शक्तिशाली बनाया जा सकता है। प्रोफेसर विलायत हुसैन रिज़वी का कहना है कि अगर यह सब कुछ संभव है तो क्या मानव शक्ति को ट्रांसफर करना भी संभव होगा ? इस बेहद गंभीर विषय पर उनकी खोज जारी है।

एक समाचार चैनल से बात करते हुए प्रोफेसर विलायत रिज़वी ने कहा कि इस खोज में कुछ हद तक प्रगति हुई है। यह एक बहुत बड़ा विषय है जिस पर शोध करना जरूरी है। साइंटिफिक रिसर्च इंसानों की जरूरत है और दुनिया में खोज के बेशुमार विषय हैं। दुनिया की हर चीज प्रभु की रचना है और वह खोज की मोहताज है। प्रोफेसर रिजवी श्रीनगर के एसपी कॉलेज में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं।

उन्होंने कहा कि वह अपने इस शोध में नित नए प्रयोग कर रहे हैं और इसी क्रम में उन्होंने अपनी गाड़ी में भी बिना तार के चार्जर लगाए हैं जिसके माध्यम से वह अपने शोध को आगे बढ़ा रहे हैं।

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