जनता स्वार्थी और ज़मीर फरोश नेताओं की चालों से सतर्क रहे: फारूक अब्दुल्ला

जनता स्वार्थी और ज़मीर फरोश नेताओं की चालों से सतर्क रहे: फारूक अब्दुल्ला

जम्मू: जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि जनता को इस समय जिन कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उनके समाधान के लिए नेशनल कांफ्रेंस की मजबूती बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जारी अत्याचार और अन्याय को खत्म करने के लिए एकता और भाईचारा आवश्यक है। हमें आपसी मतभेदों और शिकायतों को पीछे छोड़कर अपने बीच की एकजुटता को मजबूत करना होगा। जिस प्रकार से नेशनल कांफ्रेंस के महान नेताओं ने अपने व्यक्तिगत हितों को त्याग कर राष्ट्रीय हितों के लिए बलिदान दिया, उसी भूमिका को हमें भी निभाना होगा।

इन विचारों को उन्होंने पटनी टॉप में विभिन्न जन प्रतिनिधियों, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात के दौरान साझा किया। उन्होंने प्रतिनिधियों की समस्याओं और कठिनाइयों को सुना और पार्टी कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पार्टी के साथ जुड़े लोगों से आग्रह किया कि वे पार्टी की जनसंपर्क अभियान को तेज करें और अपने दल का घोषणापत्र और कार्य योजना घर-घर पहुँचाएं। साथ ही लोगों की समस्याओं और कठिनाइयों को जानकर उनका समाधान कराने की हर संभव कोशिश करें। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और पार्टी उम्मीदवारों की जीत के लिए अभी से काम शुरू करना है।

फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी के साथ जुड़े लोगों से आग्रह किया कि वे मौक़ा परस्त और ज़मीर बेचने वाले नेताओं की चालों से सतर्क रहें और अपनी पंक्तियों में मौजूद काले भेड़ियों पर भी कड़ी नज़र रखें। डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वर्तमान शासक हर दिन जम्मू-कश्मीर विरोधी और जनविरोधी फैसलों में लगे हुए हैं। सरकारी स्तर पर रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी, आसमान छूती महंगाई, आर्थिक बदहाली और लोगों में फैली निराशा और हताशा की ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासकों की कठोर नीति से आज जम्मू के लोग भी तंग आ चुके हैं और उन्हें पूरी तरह से एहसास हो गया है। जम्मू के लोगों का व्यापार ठप है, उनकी नौकरियां और ज़मीनें छीनी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि देश के साथ-साथ राज्य जम्मू-कश्मीर के लोग भी आसमान छूती महंगाई से बुरी तरह प्रभावित हैं और एक आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त करना भी मुश्किल हो गया है। डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि एकता और भाईचारा को हमेशा एक बड़ी जीत और सफलता के रूप में देखा जाता है, जबकि असहमति विफलता, विनाश और बर्बादी की ओर इशारा करती है। केवल संकल्प, धैर्य और सहनशीलता के साथ ही इन चुनौतियों और परीक्षाओं का मुकाबला किया जा सकता है। इस मौके पर कई राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी में शामिल होने की घोषणा की।

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