ओमिक्रॉन वेरिएंट से बार बार संक्रमित होने का खतरा, विशेषज्ञों ने चेताया दुनिया भर में एक बार फिर कोरोना वायरस कहर बनकर टूट रहा है ।
ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना वायरस का सबसे लेटेस्ट और सबसे तेज़ी से फैलने वाला वेरिएंट है जो एक ही व्यक्ति को कम से कम दो बार संक्रमित कर सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह बिल्कुल भी दुर्लभ नहीं है । एक बार फिर जब दुनिया कोरोना लहर का सामना कर रही है ऐसे में यह खबर चिंतित कर देने वाली है ।
दुनिया भर में कोरोना लहर के पीछे ओमिक्रॉन वेरिएंट को ही कारण बताया जा रहा है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत समय कई देशों में कोरोनावायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। हद यह कि कई देशों में फिर से लडाउन लगाने की नौबत आ गई है।
ओमिक्रॉन से दोबारा संक्रमित होने कि संभावना के बारे में अमेरिकी एपिडिमियोलॉजिस्ट एरिक फीगल-डिंग ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से दोबारा संक्रमित होने का केस सामने आने निश्चित रूप से संभव है। अगर व्यक्ति पहली बार में ओमिक्रॉन से संक्रमित हुआ है तो उस समय वायरस का कम असर रहा होगा, जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम ठीक से एक्टिव नहीं हो पाया। वहीं, ओमिक्रॉन वेरिएंट से दूसरी बार संक्रमित होने का खतरा तब भी बढ़ सकता है, अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है।
ओमिक्रॉन से दुबारा संक्रमत होने की पुष्टि करते हुए उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘हाल के दिनों में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने के बाद इस वेरिएंट से दोबारा संक्रमित होने के कई सारे केस सामने आए हैं। ऐसा निश्चित रूप से संभव है। अगर आपका पहला ओमिक्रॉन वेरिएंट संक्रमण कम डोज वाला था। इसने आपके इम्यून सिस्टम को ठीक तरह से उत्तेजित नहीं किया। अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हैं, तभी खतरा है। ऐसे में सावधान रहें दोस्तों।
कोरोना वायरस के प्रकोप से वैक्सीन लगवाने वाले लोग भी सुरक्षित नहीं बचे हैं ऐसे केस पहले भी सामने आते रहे हैं जब लोग वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित हुए हैं। दुनिया में पहले भी दोबारा संक्रमित होने के केस सामने आ चुके हैं। जब भी कोविड महामारी की नई लहर सामने आती थी तो लोग वायरस से दो बार तक संक्रमित हुए। वहीं, वैक्सीन लगवाए हुए लोगों के संक्रमित होने के केस भी नए नहीं है, क्योंकि वक्त के साथ वैक्सीन का असर कम होने लगता है।
वैक्सीन के बाद आदमी अपने आप को पूरी तरह सुरक्षित तो नहीं समझ सकता लेकन फिर भी, वैक्सीन लोगों को संक्रमण की वजह से गंभीर रूप से बीमार होने से बचाती है और उनके मरने के खतरे को कम करती है। ओमिक्रॉन द्वारा दोबारा संक्रमित होने का विचार नया नहीं है, क्योंकि वर्तमान में दुनिया में ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से ही नई कोविड लहर आई हुई है।
संक्रमित होने के बाद प्राकृतिक रूप से पैदा हुई इम्युनिटी सात से नौ महीनों तक होती है. वहीं, जो लोग कोरोना के अन्य वेरिएंट से संक्रमित हुए थे, वे ओमिक्रॉन से दोबारा संक्रमित हो सकते हैं।