ओमीक्रॉन , डेल्टा की तरह खतरनाक नहीं, नहीं आएगी अस्पताल में दाखिल होने की नौबत

ओमीक्रॉन , डेल्टा की तरह खतरनाक नहीं, नहीं आएगी अस्पताल में दाखिल होने की नौबत दुनिया भर में चिंता और डर पैदा करने वाले हैं कोरोनावायरस के नए वेरिएंट को लेकर राहत की खबर आ रही है।

ओमीक्रॉन कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट की तरह खतरनाक नहीं है । यह बात उत्तर प्रदेश कोविड एडवाइजरी कमेटी के चेयर पर्सन और लखनऊ एसजीपीजीआई के डायरेक्टर डॉक्टर आरके धीमान और आईसीएमआर के चीफ एपिडमोलॉजिस्ट डॉक्टर समीरन पांडे ने ओमीक्रॉन वायरस और उस से पीड़ित मरीजों की स्थिति पर शोध के बाद कही है।

डॉक्टर आरके धीमान और समीरन पांडे के अनुसार ओमीक्रॉन डेल्टा की तरह घातक नहीं है। इस वायरस से पीड़ित लोगों को ना तो बहुत ज्यादा अस्पताल में दाखिल होने की जरूरत हो रही है और ना ही मृत्यु दर बढ़ने की आशंका है ।

डॉ धीमान और पांडे ने कहा कि इस वायरस पर शोध कार्य जारी है लेकिन उससे डरने और घबराने की आवश्यकता नहीं है।

उत्तर प्रदेश कोविड एडवाइजरी कमेटी के चेयर पर्सन और लखनऊ एसजीपीजीआई के निदेशक डॉक्टर धीमान के अनुसार ओमीक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट की तुलना में डेल्टा को ज्यादा घातक पाया गया है। उन्होंने कहा कि हमने साउथ अफ्रीका के अलग-अलग अस्पतालों और अलग-अलग राज्यों में पाए गए ओमीक्रॉन संक्रमित मरीजों और उनकी रिपोर्ट को देखा है। इस रिपोर्ट के अनुसार संक्रमण फैल तो रहा है लेकिन यह डेल्टा वेरिएंट की तरह खतरनाक नहीं है।

ओमीक्रॉन संक्रमित लोगों का ऑक्सीजन लेवल भी उतनी तेजी से नीचे नहीं गिर रहा है जितना डेल्टा वेरिएंट के कारण गिर रहा था। इसके अलावा जिस प्रकार डेल्टा वेरिएंट से प्रभावित मरीजों की मृत्यु दर अचानक बढ़ना शुरू हो गई थी ऐसा कुछ भी नहीं है। इसलिए एक बात तो बिल्कुल साफ हो चुकी है कि फिलहाल वर्तमान स्थिति में ओमीक्रॉन वेरिएंट उतना खतरनाक नहीं है जितना लोगों में डर और भय बना हुआ है।

अभी तक अपने देश में ओमीक्रॉन के मामले सामने नहीं आए हैं इसीलिए चिकित्सा अधिकारी उन्हीं देशों की मरीजों की रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए जानने की कोशिश कर रहे हैं क्या वास्तव में यह वेरिएंट उतना ही खतरनाक है जितना इसे बताया जा रहा है। दक्षिण अफ्रीकी देशों के मरीजों की रिपोर्ट देखकर तो यही अंदाजा होता है यह वायरस उतना घातक है नहीं जितना इसे बताया जा रहा है।

आईसीएमआर के चीफ डॉक्टर समीरन पांडे के अनुसार साउथ अफ्रीका में इस वेरिएंट के कारण लोग प्रभावित हो रहे हैं लेकिन वह डेल्टा वेरिएंट जैसी खतरनाक स्थिति में नहीं जा रहे हैं। साउथ अफ्रीका के अस्पतालों एवं मेडिकल इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार लोग संक्रमित तो हो रहे हैं लेकिन इस संक्रमण के कारण मृत्यु दर नहीं बढ़ रही है और ना ही अस्पताल में दाखिल होने की अधिक नौबत आ रही है। लोगों को बेवजह पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। अब तक की रिपोर्ट यह बताती है कि यह वेरिएंट बहुत खतरनाक नहीं है। याद रहे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमीक्रॉन को वायरस ऑफ कंसर्न घोषित किया है ताकि दुनिया भर के देश अलर्ट रहें।

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