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हरियाणा में जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली ने कांग्रेस को समर्थन दिया

हरियाणा में जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली ने कांग्रेस को समर्थन दिया

हरियाणा: जननायक जनता पार्टी (JJP) के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली ने आज रविवार को अपने समर्थकों के साथ चर्चा करने लिए टोहाना में बैठक बुलाई थी। इस संबंध में कोर कमेटी के सदस्यों का कहना है कि कांग्रेस को समर्थन देने की बात पर कई दिनों तक कमेटी ने चर्चा की। इसके अलावा समर्थकों से भी चर्चा की गई। इसके बाद फैसला लिया गया कि इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया जाएगा।

कांग्रेस को समर्थन करने के पीछे कारण का कारण बताते हुए कहा गया कि 2019 विधानसभा चुनाव में टोहाना से टिकट दिलाने के समर्थन में उस समय कांग्रेस नेता अशोक तंवर ने साथ दिया था, लेकिन दिल्ली में उनके बारे में गलत बातें बताई गई थीं और उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था। हरियाणा में इस समय हो रही राजनीतिक गतिविधियों का संबंध लोकसभा चुनाव से ज्यादा छह महीने बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से है। उसके लिए समीकरण और राजनीतिक बिसात अभी से बिछाई जा रही है। रविवार का घटनाक्रम भी विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है।

विधायक देवेंद्र बबली ने कांग्रेस नेता शैलजा को अपना समर्थन देने का एलान किया। उनके इस बयान के दो मतलब हैं। एक तो सीधे कांग्रेस का समर्थन और दूसरा यह समर्थन वो कुमारी शैलजा के जरिए दे रहे हैं। उनके समर्थकों ने भी सैलजा को समर्थन देने को लेकर हां कर दी। हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के अलग-अलग गुट हैं। प्रदेश कांग्रेस पर हुड्डा का ही कब्जा है।

जेजेपी में बबली शुरू से ही पार्टी अध्यक्ष दुष्यंत चौटााल की नीतियों का विरोध करते रहे हैं। बबली का दावा है कि जेजेपी के कुल 10 में से 6 विधायकों का उन्हें समर्थन हासिल है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि जेजेपी का कांग्रेस में विलय भी संभव है। हरियाणा की राजनीति तेजी से बदल रही है। 25 मई को राज्य में 10 लोकसभा सीटों पर मतदान है। कांग्रेस शुरू से ही मजबूत स्थिति में है।

हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा में दो सीटें खाली हैं। भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं। बहुमत के लिए 45 विधायक होने चाहिए। 2 निर्दलीय और 1 विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी का समर्थन भी भाजपा को है। इस तरह बहुमत के लिए भाजपा को अभी भी दो विधायकों की ज़रूरत है। कांग्रेस को 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के बाद 33 विधायक हो गए हैं। जेजेपी के पास 10 विधायक हैं। एक विधायक आईएनएलडी का है। इस तरह भाजपा अब बहुमत खो चुकी है। जेजेपी के 6 विधायक अगर टूटकर कांग्रेस में आते हैं या समर्थन देते हैं तो कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।

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