भारतीय वैज्ञानिकों का दावा: कोरोना की दूसरी लहर के बारे में सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकते

Covid-19 In India: भारत में कोरोना (Covid-19) की दूसरी लहर बेकाबू हो चुकी है, कोरोना की इस दूसरी लहर में किस प्रकार का वायरस है इसको लेकर अभी तक कोई ख़ास जानकारी सामने नहीं आई है, ऐसे में भारत की कुछ वैज्ञानिकों की टीम ने कहा है कि कोरोना वायरस की प्रकृति कैसी है इसको लेकर सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।

कोरोना वायरस मामलों के बढ़ने पहले से अनुमान लगाने वाली गणितीय मॉडल पर काम कर रहे वैज्ञानिकों की टीम ने कहा कि देश में आई दूसरी भयानक और जानलेवा लहर की सटीक ट्रेजेक्ट्री का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि समय के साथ इस वायरस के संक्रमण और गति में काफ़ी बदलाव आया है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जारी और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, एकीकृत रक्षा कर्मचारी उप प्रमुख माधुरी कानिटकर और आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा गया है कि गणितीय मॉडल ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर और अप्रैल के तीसरे सप्ताह में पीक पर जाने की बात कही थी, जिस समय डेली लगभग 1 लाख मामले सामने आ रहे थे, उसके अलावा भी चेतावनियां दी गई थीं लेकिन सभी चेतावनियों और भविष्यवाणियों को अनदेखा किया गया।

पिछले साल, सरकार ने मामलों के बढ़ने का पहले से अनुमान लगाने के लिए वैज्ञानिकों, गणितज्ञों और विशेषज्ञों की एक टीम बनाई थी। उन्होंने कहा कि वायरस की प्रकृति बहुत तेज़ी से बदल रही है और ऐसे माहौल में किसी भी भविष्यवाणी को लगातार पढ़ा जाना चाहिए, कभी-कभी दैनिक रूप से। उन्होंने कहा कि हम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और हमारे इनपुट्स हमेशा पाज़िटिव रूप से प्राप्त हुए हैं। जबकि हम पहले दूसरी लहर की सटीक प्रकृति का अनुमान नहीं लगा सकते थे, हम इसके भविष्य के अनुमान पर बेहतर अनुमान लगाने के अपने प्रयासों को जारी रखते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2 अप्रैल को इसके इनपुट की मांग की थी जब उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि अप्रैल महीने के तीसरे हफ़्ते के आसपास एक पीक आ जाएगी।

इसके बाद भारत में 15 अप्रैल को 2 लाख से ऊपर मामले दर्ज हुए जबकि 22 अप्रैल को 3 लाख 15 हज़ार के आसपास दर्ज हुए, और फिर पिछले सारे रिकार्ड तोड़ते हुए 1 मई को 4 लाख से अधिक केस सामने आए, ऐसे में कहा जा सकता है कि वायरस की इस दूसरी लहर को लेकर किसी तरह की सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।

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