83% युवा बेरोजगारों की अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज 

83% युवा बेरोजगारों की अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज 

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन(ILO) और इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (IHD) ने आज साझा रूप से एक आकंड़े जारी किए थे जिसमें भारत की एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024 भी जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में, भारत की कुल बेरोजगार आबादी का 83% थी। जानकारी दे दें कि चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को रिपोर्ट जारी की थी ।

देश में रोजगार की स्थिति गंभीर होने और बेरोजगारों में 83% युवा के होने की अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट को सरकार ने खारिज कर दिया है। इसने कहा है कि भारत की एजेंसियों के आँकड़े ऐसी तस्वीर नहीं पेश करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के हवाले से सवाल पूछने वाले लोगों को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुलाम मानसिकता वाला क़रार दिया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय एजेंसियों के आँकड़ों को मानना चाहिए। अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘हमारे पास अभी भी गुलाम मानसिकता है क्योंकि हम हमेशा विदेशी रेटिंग पर निर्भर रहे हैं। हमें इससे बाहर आने और अपने देश के संगठनों पर भरोसा करने की जरूरत है।’

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में कुल बेरोजगार आबादी में बेरोजगार युवाओं की हिस्सेदारी 82.9% थी। रिपोर्ट के अनुसार भारत के बेरोजगार कार्यबल में लगभग 83% युवा हैं और कुल बेरोजगार युवाओं में माध्यमिक या उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं की हिस्सेदारी 65.7% है। यानी बेरोजगार युवाओं के बारे में कोई यह भी नहीं कह सकता है कि जब पढ़ाई नहीं पढ़ेंगे तो रोजगार कहाँ से मिलेगा। ऐसे पढ़े-लिखे युवाओं का प्रतिशत बढ़ता रहा है।

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