भारत और कुवैत का आपसी सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भारत के दौरे पर आए कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल याहिया के साथ व्यापक द्विपक्षीय बातचीत की। यह दौरा कुवैत के विदेश मंत्री के रूप में याहिया का पहला आधिकारिक भारत दौरा था। इस मुलाकात के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत-कुवैत संबंधों के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की और इन संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया।
दोनों मंत्रियों ने राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने पर गहन विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही, दोनों पक्षों ने आपसी रुचि से जुड़े क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। इस बातचीत का उद्देश्य न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देना था, बल्कि वैश्विक और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान देना भी था।
महत्वपूर्ण समझौते और पहल
इस बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने विदेश मंत्रियों के स्तर पर संयुक्त सहयोग आयोग (Joint Cooperation Commission – JCC) की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस आयोग के तहत निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग के लिए नए संयुक्त कार्य समूह बनाए जाएंगे:
1. व्यापार और निवेश: आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए।
2. शिक्षा और प्रौद्योगिकी: अनुसंधान और विकास में साझेदारी बढ़ाने के लिए।
3. कृषि और खाद्य सुरक्षा: टिकाऊ कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए।
4. सुरक्षा और संस्कृति: क्षेत्रीय सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए।
याहिया की प्रधानमंत्री से मुलाकात
अपने भारत दौरे के दौरान, विदेश मंत्री याहिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी भेंट की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारत और कुवैत के बीच ऐतिहासिक और पारंपरिक संबंधों को याद किया। उन्होंने कुवैत में रहने वाले 10 लाख से अधिक भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए कुवैती नेतृत्व की भूमिका की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के नेताओं को भारत के विकास में साझेदार बनने का निमंत्रण दिया और दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारत-कुवैत संबंध: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और कुवैत के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। कुवैत, खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार है, खासकर ऊर्जा क्षेत्र में। कुवैत भारत को पेट्रोलियम उत्पादों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, और दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों ने इन संबंधों को और मजबूती दी है।