2024-25 तक भारत का रक्षा निर्यात 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य: पीएम मोदी

2024-25 तक भारत का रक्षा निर्यात 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत का लक्ष्य 2024-25 तक रक्षा निर्यात को 5 अरब डॉलर तक ले जाने का है और वह रक्षा उत्पादक देशों की श्रेणी में शामिल होने की ओर अग्रसर है। पीएम मोदी ने यहां एयरो इंडिया 2023 का उद्घाटन करने के बाद कहा, “भारत ने पिछले 8-9 वर्षों में अपने रक्षा क्षेत्र को बदल दिया है।” हम इसे अभी शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2024-25 तक रक्षा निर्यात को 5 अरब डॉलर तक ले जाने का है, भारत अब रक्षा उत्पादक देशों की श्रेणी में शामिल होने के लिए तेजी से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि आज भारत न केवल वैश्विक रक्षा कंपनियों के लिए एक बाजार है बल्कि एक भागीदार भी है,और उन देशों के लिए एक उपयुक्त भागीदार के रूप में उभर रहा है जो अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करना चाहते हैं। हमारी तकनीक सस्ती होने के साथ-साथ विश्वसनीय भी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजस लड़ाकू विमान, स्वदेश निर्मित आईएनएस विक्रांत और तुमकुरु में हेलीकॉप्टर कारखाना मेक इन इंडिया की ताकत के उदाहरण हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि 21वीं सदी का भारत न तो कोई अवसर गंवाएगा और न ही अपने सपनों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने से कतराएगा

उन्होंने कहा कि आज का भारत तेजी से, दूर तक सोचता है और तुरंत निर्णय लेता है। उन्होंने कहा कि अमृत काल का भारत फाइटर पायलट की तरह आगे बढ़ रहा है। भारत के बिजनेस सुधारों की चर्चा आज दुनिया भर में हो रही है, और भारत ने वैश्विक निवेके लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब एयरो इंडिया को भारत में एक रक्षा शोकेस समझा जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस आयोजन ने भारत की ताकत और अपने रक्षा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि भारत की उपलब्धियां उसकी क्षमता का प्रमाण हैं और तेजस विमान ‘मेक इन इंडिया‘ की सफलता का प्रमाण है। आज का फैसला भारत की नई सोच को भी दर्शाता है। यह आयोजन महज दिखावा नहीं है, यह भारत की ताकत भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह आयोजन एक और कारण से बहुत खास है क्योंकि यह कर्नाटक जैसे राज्य में हो रहा है जिसे प्रौद्योगिकी की दुनिया में विशेष विशेषज्ञता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से हवाई क्षेत्र और रक्षा के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे। कर्नाटक के युवाओं के लिए नए अवसर सामने आएंगे।

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