ऊर्जा मंत्री ने की कोयला प्रोडक्शन बढ़ाने की मांग, कहा बिजली घरों में है कोयले की कमी
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक 6 जून को देश के 165 बड़े थर्मल पावर स्टेशंस में से केवल 17 के पास 5% या उससे भी कम कोयला बचा था।
सख्त गर्मी और बिजली की रिकॉर्ड डिमांड की वजह से देश के कई बड़े थर्मल पावर स्टेशन कोयले के बड़े संकट से जूझ रहे हैं। सरकारी आकड़ों के अनुसार आज देश के 165 बड़े थर्मल पावर स्टेशन में से करीब 10% के पास 5% या उससे भी कम कोयले का स्टॉक बचा है। उर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि कोल इंडिया लिमिटेड को कोयला का प्रोडक्शन और बढ़ाना होगा।
देश में कोयला संकट के दौरान मंगलवार को पहली बार मीडिया ब्रीफिंग करने आए ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कबूला कि बिजली की अप्रत्याशित मांग को देखते हुए कोल इंडिया लिमिटेड को कोयले का प्रोडक्शन और बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि देश में हर दिन 40,000 मेगावाट से 45,000 मेगावाट तक बिजली की मांग बढ़ रही है। पिछले साल की इसी तारीख की तुलना में ऊर्जा की खपत आज 3500 मिलियन यूनिट से बढ़कर 4500 मिलियन यूनिट हो गई है।
ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा कि देश के बड़े थर्मल पावर स्टेशंस के पास कोयले का रिज़र्व स्टॉक कम होता जा रहा है, क्योंकि उनपर पावर प्रोडक्शन का दबाव है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य सरकारों ने कोयले की कमी को पूरी करने के लिए कोयले का आयात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आर के सिंह ने कहा कि कोल इंडिया ने कोयले का उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन उतना नहीं जितना की आवश्यकता है। उलेख्ंय है कि देश में गर्मी तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली में पिछले 11 साल में सबसे ज्यादा गर्मी का क़ेहर आम लोगों को झेलना पड़ रहा है। इस दौरान बिजली की तेजी से बढ़ती मांग की वजह से उसकी डिमांड भी बढ़ती जा रही है।
साथ ही थर्मल पावर स्टेशंस के पास जरूरत के मुताबिक कोयले का स्टॉक पहुंचाने का दबाव भी है।